राजस्थान के मसाले दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं। कई देशों में लोग विदेशी भोजन के रूप में राजस्थानी भोजन को पसंद करते हैं। पश्चिमी देशों में भारतीय मसालों का निर्यात प्रचुर मात्रा में हो रहा है । राजस्थान सरकार ने इन निर्यातकों को प्रोत्साहित करने के लिए निर्यात संवर्धन योजना का शुभारंभ किया।
संचालन की अवधि : 31 मार्च 2018 तक ।
पात्रता:
- कोई भी व्यक्ति या संगठन “उपज मण्डी” या सीधे किसानो के माध्यम से मसाले ख़रीदकर दूसरे देश को निर्यात करता हो।
इस योजना के तहत निम्नलिखित मसाला:
- जीरा , धनिया, सौंफ , मेथी , अजवाइन, लाल मिर्च, अदरक , हल्दी, राई और लहसुन ।
लाभ:
- मसाले खरीदने की जगह से बंदरगाह तक के लिए परिवहन प्रभारों की प्रतिपूर्ति (25% या रु 500/ प्रति टन, जो भी कम हो ) ।
- अंतर्राष्ट्रीय परिवहन प्रभारों की प्रतिपूर्ति (रु 5000 प्रति कंटेनर 26 टन तक या रु 500/ टन , जो भी कम हो) ।
- 3 साल तक अधिकतम 10 लाख रुपये का अनुदान दिया जाएगा ।
नोडल एजेंसी : राजस्थान राज्य कृषि विपणन विभाग
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