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अग्निपथ: अब अग्निवीरों को लेकर कौन सा कदम उठाएगी सरकार, जाने पूरी जानकारी-

देश में लगातार तीसरी बार भाजपा की सरकार बन गई है। ऐसा कहा जा रहा है कि सेनाओं में भर्ती के लिए लाई गई अग्निपथ योजना के लिए सरकार कुछ ठोस कदम उठाने जा रही है। सरकार ने योजना के तहत अग्निवीरों के कार्यकाल और सैलरी जैसे कुछ बदलाव करके योजना को सैनिक सम्मान योजना के नाम से दुबारा लागू करने की बात कही है। जिसके अंतर्गत सरकार ने अग्निवीरों का कार्यकाल 4 साल से बढ़ाकर 7 साल कर दिया है। सैलरी में बढ़ोतरी और 25% के बजाय 60% अग्निवीरों को परमानेंट किए जाने की बात कही है। मोदी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल में 10 प्रमुख मंत्रालयों के सचिवों को अग्निपथ योजना की समीक्षा करने और इस योजना में बदलाव करने का काम सौंपा है। केंद्र सरकार जल्दी ही इसकी हर कमी को दूर करना चाहती है। दूसरी ओर भारतीय सेना ने भी एक इंटरनल सर्वे किया है जिसमें अग्निपथ योजना में कुछ बदलाव करने की सिफारिश की है। आइए जानते हैं कि इस बात में कितनी सच्चाई है।

अग्निपथ योजना 

अग्निपथ योजना के तहत आर्मी,  नेवी और एयर फोर्स में 4 साल के लिए युवाओं की कॉन्‍ट्रैक्‍ट पर भर्ती की जाती है। यह भर्ती ऑफिसर रैंक के नीचे के सैनिकों की होती है। भर्ती होने पर पहले छह महीने की ट्रेनिंग दी जाती है। उसके बाद अग्निवीरों की तैनाती की जाती है।चार साल बाद कार्य क्षमता के आधार पर रेटिंग दी जाती है। रेटिंग देखकर मेरिट लिस्ट तैयार होती है, जिसमें से 25% अग्निवीरों को सेना में परमानेंट कर दिया जाता है।  बाकी जवान वापस आकर कोई और नौकरी या फिर कारोबार कर सकते हैं। अग्निवीरों को 4 साल की सेवा पूरी करने के बाद 12वीं के समकक्ष सर्टिफिकेट दिया जाता है।

अग्निवीर बनने हेतु योग्यताएं एवं नियम

देश के जो भी इच्छुक युवक अग्निवीर बनने हेतु आवेदन करना चाहते हैं तो उनके पास निम्न योग्यताओं का होना अनिवार्य है। और उनके लिए कुछ नियम इस प्रकार हैं।

  • आवेदक की आयु 18 से 21 साल के बीच होनी चाहिए।
  • आवेदक को कम से कम 10वीं पास होना अनिवार्य है।
  • अनुशासन अथवा किसी अन्‍य कारण से अग्निवीर की सेवा कभी भी समाप्‍त की जा सकती है।
  • अग्निवीर 4 साल से पहले सेवा नही छोड़ सकते हैं। हालांकि, विशेष परिस्थिति में सक्षम अधिकारी की अनुमति से ऐसा हो सकता है।
  • अग्निवीरों को पेंशन, ग्रैच्युटी, कैंटीन और रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली सुविधाएं नहीं मिलती हैं।
  • 4 साल बाद सेवा निधि पैकेज के तौर पर जवान को एक साथ 12 लाख रुपए मिलते हैं, जिस पर कोई टैक्‍स नहीं लगता।

अग्निवीरों का वेतन

अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीरों को 4 साल के कार्यकाल के लिए भर्ती किया जाता है। इस अवधि के दौरान 3 वर्ष तक उन्हें 30 हजार रुपए से शुरू होने वाला नियमित मासिक वेतन मिलता है और चौथे वर्ष में आते आते 40 हजार रुपए तक पहुंच जाता है। इसके अतिरिक्त 4 साल का कार्यकाल पूरा होने पर अग्निवीर को एकमुश्त सेवा निधि पैकेज के रूप में लगभग 12 लाख रुपए मिलते हैं। सशस्त्र बल अपनी आवश्यकताओं के आधार पर अग्निवीरों को स्थाई सेवा भी दे सकते हैं।

सेना ने इन बदलाव की मांग की

सेना ने अग्निवीर सेना भर्ती के लिए आयु सीमा 21 साल से बढ़ाकर 23 साल करने की सिफारिश की है। 4 साल पूरे करने के बाद नियमित सेवा में शामिल होने वाले अग्निवीर जवानों को 25% से बढ़ाकर 60 या 70% करने की मांग की है। अग्निवीरों की सेवा अवधि को 4 साल से बढ़ाकर 7 या 8 साल करने का सुझाव दिया है। प्रशिक्षण के दौरान भी विकलांगता के लिए अनुग्रह राशि दी जानी चाहिए। अगर किसी अग्निवीर जवान की जंग में मौत हो जाती है तो उसके परिवार को निर्वाह भत्ता मिलना चाहिए। एक पेशेवर एजेंसी होना चाहिए, जो अग्निवीरों को उनकी सेवा अवधि समाप्त होने के बाद भविष्य में नौकरियां खोजने में मददगार हो।

निष्कर्ष – अग्निपथ योजना

हमने आपको अग्निपथ योजना के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी है। कैसी लगी आपको हमारी आज की पोस्ट, आप हमें Comment box में बताना ना भूलें। आपको हमारी पोस्ट पसंद आती है तो इस पोस्ट से मिलने वाली जानकारी अपने दोस्तों के साथ Facebook, Instagram, twitter, what’s app पर ज़रुर शेयर करें। ताकि उन्हें भी यह महत्वपूर्ण जानकारी मिल सके और वे भी इसका लाभ उठा सकें। हमारी वेबसाइट http://www.theindianiris.com/ पर आने के लिए आपका धन्यवाद, और नवीनतम अपडेट के लिए बने रहें।

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