जाने परक्विजिट्स क्या है?
परक्विजिट्स का मतलब नौकरी पेशा लोगों को उनकी नौकरी में मिलने वाली अतिरिक्त सुविधाएं हैं, जो वेतन के अलावा दी जाती हैं। जैसे- ट्रैवल एलाउंस, कार फैसिलिटी आदि। कुछ परक्विजिट्स पर टैक्स लगता है तो कुछ को इससे छूट मिल जाती है। इसके अलावा, अगर कोई परक्विजिट्स टैक्स फ्री नहीं है तो इसे सैलरी का हिस्सा मानते हुए इस पर टैक्स लगाया जाता है।
1 अप्रैल से लागू होगी नये बदलाव
परक्विजिट्स को लेकर नए बदलाव 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे और ये नये नियम साल 2026-27 से प्रभावी होंगे। कंपनी में निदेशक और शेयर होल्ड कर्मचारियों को इस तरह की छूट का लाभ नहीं मिलेगा। उनके लिए पहले की तरह परक्विजिट्स नियम लागू होंगे।
ये हैं नियम
मौजूदा समय में अगर कर्मचारी की सैलरी 50000 रुपए सालाना से कम है तो कंपनी द्वारा दी गई अन्य सुविधाओं को टैक्सेबल परक्विजिट्स नहीं माना जाता है। सलाना सैलरी 2 लाख से कम है तो विदेश में इलाज करवाने पर कंपनी द्वारा खर्च को टैक्स फ्री माना जाता है। अब बजट में टैक्स फ्री परक्विजिट्स के लिए 50000 रुपए सालाना वाली लिमिट को हटाकर सरकार नई सीमा तय करेगी। विदेश में इलाज पर खर्च अगर कंपनी उठाती है तो उस स्थिति में भी 2 लाख रुपए तक की इनकम लिमिट से अलग नई सीमा तय की जाएगी।
इनकम टैक्स में छूट
सरकार ने नौकरीपेशा और मिडल क्लास को सबसे बड़ी राहत दी है। इस बजट में आम आदमी को इनकम टैक्स में 12 लाख रुपए तक की छूट दी गई है। 75 हजार रुपए स्टैंडर्ड डिडक्शन की छूट मिलेगी। यानी नौकरीपेशा लोगों को अब 12.75 लाख रुपए तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा।