दिव्यांग नागरिकों के जीवन को सशक्त बनाने के लिए सरकार कई योजनाओं का कार्यान्वयन कर रही है। इन प्रयासों के साथ कई दिव्यांग व्यक्तियों के जीवन में नई आशा और आत्मविश्वास की रोशनी चमक रही है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय दिव्यांग पेंशन योजना के तहत 166 लाभार्थी, संत सूरदास योजना के तहत 512 व्यक्ति, और जीएमडीपीएस सहायता योजना के तहत 908 लाभार्थी सरकार से सहायता प्राप्त कर रहे हैं। ये योजनाएं दिव्यांग व्यक्तियों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही हैं। ये दिव्यांग योजनाएं विकलांग व्यक्तियों की सहायता के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, जो उन लोगों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है जो कुष्ठ रोग के कारण विकलांग हो गए हैं। दोनों योजनाएं मिलकर विकलांग व्यक्तियों के जीवन में सुधार लाने का प्रयास करती हैं।
योजनाओं का मुख्य उद्देश्य
विकलांगता से जूझ रहे व्यक्तियों के लिए समाज में सशक्तिकरण और समानता सुनिश्चित करने के लिए कई योजनाएं चलाई जाती हैं। इनका मुख्य उद्देश्य विकलांग व्यक्तियों के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। इस योजना के अंतर्गत विभिन्न प्रकार की सहायता और सेवाएं प्रदान की जाती हैं, ताकि विकलांग व्यक्तियों को जीवन की मुख्यधारा में शामिल किया जा सके। इसके माध्यम से सरकार का लक्ष्य है कि विकलांग व्यक्तियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आवश्यक संसाधनों और अवसरों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। विकलांग सशक्तिकरण योजना एक सकारात्मक पहल है, जो विकलांग व्यक्तियों को समाज में आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। इस योजना के माध्यम से न केवल आर्थिक सहायता मिलती है, बल्कि विकलांग व्यक्तियों के लिए बेहतर अवसर भी सुनिश्चित किए जाते हैं। इस प्रकार, यह योजना समाज में समावेशिता और समानता को बढ़ावा देती है।
योजनाओं के लाभ
ये दिव्यांग योजनाएं दिव्यांग जनों को निम्न प्रकार के लाभ प्रदान करती हैं।
- योजनाओं के अंतर्गत विकलांग व्यक्तियों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, जिससे वे अपने जीवनयापन की चुनौतियों का सामना कर सकें।
- योजना के माध्यम से आर्थिक सहायता के अलावा ट्राई साइकिल, वैशाखी, व्हीलचेयर, कान की मशीन, वाकर, कैलिपर्स आर्टिफिशियल हाथ-पैर आदि निशुल्क उपलब्ध कराए जाते हैं।
- विकलांग व्यक्तियों को कौशल विकास और रोजगार संबंधी प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें।
- स्वास्थ्य सुविधाएं और चिकित्सा सहायता भी योजना के अंतर्गत उपलब्ध कराई जाती हैं, जिससे विकलांगता का प्रबंधन किया जा सके।
योजनाओं हेतु योग्यताएं
इन योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक के पास निम्न योग्यताओं का होना आवश्यक है।
- आवेदक व्यक्ति को विकलांग होना आवश्यक है।
- योजनाओं का लाभ लेने के लिए व्यक्ति की वार्षिक आय निर्धारित सीमा से कम होनी चाहिए।
- योजनाओं के तहत उन व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाती है, जो सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से आते हैं।
आवश्यक दस्तावेज
इन योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक के पास निम्न दस्तावेजों का होना आवश्यक है।
- विकलांगता प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- पहचान पत्र
- आधार कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो
आवेदन प्रक्रिया
योजनाओं का लाभ लेने के लिए दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग के कार्यालय में जाकर आफलाइन आवेदन कर सकते हैं। इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए आनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन करने के लिए सबसे पहले अधिकारिक पोर्टल पर जाना होगा। वहां पर ऑनलाइन आवेदन पत्र भरना होगा, जिसमें व्यक्तिगत जानकारी, बैंक विवरण, और विकलांगता का विवरण शामिल होगा। फिर दस्तावेज़ अपलोड करें। अंत में सबमिट बटन पर क्लिक कर दें।
निष्कर्ष – दिव्यांग योजनाएं
हमने आपको गुजरात की कुछ दिव्यांग योजनाएं बताई हैं । उम्मीद करते हैं, सभी जानकारी रोचक लगी होगी। आप पूरी जानकारी प्राप्त कर योजना का लाभ उठा सकते हैं। कैसी लगी आपको हमारी आज की पोस्ट, आप हमें Comment box में बताना ना भूलें। यदि आपको हमारी पोस्ट पसंद आती है तो इस पोस्ट से मिलने वाली जानकारी अपने दोस्तों के साथ Facebook, Instagram, twitter, what’s app पर ज़रुर शेयर करें। ताकि उन्हें भी यह महत्वपूर्ण जानकारी मिल सके और वे भी इसका लाभ उठा सकें। हमारी वेबसाइट http://www.