पीएम उड़ान योजना
उड़ान योजना की शुरुआत आम लोगों के लिए हवाई यात्रा सुलभ और किफायती बनाने के उद्देश्य से की गई थी। योजना के तहत करीब 500 किमी की एक घंटे की यात्रा के लिए हवाई किराया 2500 रुपये तक सीमित है। इस योजना के बाद मुंद्रा (गुजरात) से अरुणाचल प्रदेश के तेजू तथा हिमाचल के कुल्लू से तमिलनाडु के सलेम तक उड़ान ने देशभर में कनेक्टिविटी बढ़ी है। इसके बाद दरभंगा, प्रयागराज, हुबली, बेलगाम, कन्नूर हवाई अड्डे इसी योजना के तहत ही अस्तित्व में आए।
पीएम उड़ान योजना का लक्ष्य
इन लोगों को मिलेगा लाभ
इस योजना के माध्यम से सरकार प्राइवेट और सार्वजनिक एयर सर्विस ऑपरेटर्स को देश में मौजूद हवाई पथों और एयरपोर्ट पर हवाई सेवा शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करती है। योजना के तहत कम खर्चे में देश के ग्रामीण लोगों को हवाई जहाज में बैठने का अवसर मिला है। जिससे की देश का आम नागरिक भी सस्ते दामों में हवाई सफर का मजा उठा सकेंगे। इस योजना के लिए हवाई यात्रियों को हवाई सेवा के दौरान कई सारी सुविधाएं सस्ते और सुलभ दामों में उपलब्ध कराई जाती हैं।
601 मार्ग और 86 हवाई अड्डे चालू
व्यवसाय बढ़ाने में मदद
विमानों की बढ़ती मांग की पुष्टि भारतीय विमानन कंपनियों के ऑर्डरों से होती है, जो कि अगले 10 -15 वर्षों में 1000 से अधिक विमानों की डिलीवरी के लिए निर्धारित हैं। उड़ान योजना के तहत पूर्वोत्तर क्षेत्र के कई स्थलों को जोड़ने वाले पर्यटन मार्ग शुरू किए गए। इसी के साथ पिछले 7 वर्षों में कई नई और सफल एयरलाइंस सामने आई हैं। इस योजना ने एयरलाइन ऑपरेटरों को एक स्थायी व्यवसाय मॉडल शुरू करने और विकसित करने में मदद की है। इसके अलावा यह छोटी क्षेत्रीय एयरलाइनों फ्लाईबिग, स्टार एयर, इंडियावन एयर और फ्लाई91 को अपने व्यवसाय को बढ़ाने में मदद कर रही है। योजना के विस्तार से नए विमानों की मांग में वृद्धि हुई है। और पहले से चल रहीं विमान सेवाओं में प्रगति देखने को मिल रही है।