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पाकिस्तान की ग्रूमिंग गैंग: 50 हजार ब्रिटिश लड़कियों के शोषण का आरोप:

ब्रिटेन में आजकल बड़ा अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां पाकिस्तान की ग्रूमिंग गैंग छोटी बच्चियों और लड़कियों को प्रेम के जाल में फंसाकर उनका यौन शोषण किया जाता है, फिर उन्हें धमकी देकर, ब्लैकमेल करके उनसे तमाम तरह के गलत काम करवाती  है और यह पाकिस्तान की ग्रूमिंग गैंग कई बार लड़कियों समेत उनके पूरे परिवार को मौत के घाट उतार दिया जाता है। पाकिस्तान की ग्रूमिंग गैंग के मामले में अब तक का ब्रिटेन की 50 हजार से ज्यादा लड़कियां शिकार हो चुकी हैं। इस मामले को गंभीरता से देखते हुए ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक ने टास्क फोर्स बनाई है। इस यौन हमले के पीछे ग्रूमिंग गैंग का हाथ बताया जा रहा है।

 ग्रूमिंग गैंग क्या है?

ग्रूमिंग गैैंग का मतलब उस ग्रुप से है जो छोटी उम्र की बच्चियों का शारीरिक, मानसिक और यौन शोषण करते हैं। ये उन्हें अपनी बातों के जाल में फंसाते हैं उन्हें केयर और रिश्ते का झूठा भरोसा देते हैं। ब्रिटेन के एक एनजीओ चिल्ड्रंस सोसाइटी ने ‘ओल्ड इनफ टु नो बेटर’ नाम से एक रिपोर्ट जारी कीी। इसमें बताया गया कि 16-17 साल की करीब 50,000 लड़कियां पाकिस्तान की ग्रूमिंग गैैंग का शिकार हुुईंं  हैं। दावा किया गया है कि इस अपराध में शामिल में ज्यादातर लोग पाकिस्तान के  होते हैं।

ये लड़कियों से पैसे ऐंठने के लिए भी ऐसा करते हैं। कई बार यौन अपराधों में धकेलने के उद्देश्य से ऐसा करते हैं। इनके द्वारा लड़कियों की तस्करी के मामले भी सामने आए हैं।  दावा किया गया है कि लड़कियों को जातीय और धार्मिक आधार पर भी फंसाया जाता है।

गैंग कैसे करती है काम?

ये गैंग छोटी उम्र की बच्चियों को गिफ्ट देकर बहलाते हैं। फिर विश्वास दिलाते हैं कि उनसे प्यार करते हैं, उनकी चिंता करते हैं। जब लड़कियां इन पर विश्वास करने लगतीं हैं तो  धीरे-धीरे उन्हें शोषण के जाल में फंसाते हैैं।

इन बच्चियों को फिर नशे और  ड्रग्स की लत लगाई जाती है और फिर इन्हें होटल ले जाकर कई अन्य मर्दों के साथ संबंध बनाने को कहा जाता है। उनके वीडियो बना लिए जाते हैं। घरवालों को मारने की धमकी देकर कई गलत काम कराए जाते हैं। कई लड़कियां प्रेग्नेंट हुईं और उन्हें अबॉर्शन कराना पड़ा।

ग्रूमिंग गैंग ऐसी लड़कियों को टारगेट करते हैं जो अकेली हों, और  जो मानसिक रूप से कमजोर हों। इन लड़कियों को अपने जाल में फंसाना आसान होता है। जब तक वे समझ पातीं कि उनका शोषण हो रहा है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। कई बार तो लड़कियां ये समझ ही नहीं पाईं कि उनका शोषण हो रहा है। इसी गैंग ने ब्रिटेन की 16-17 साल की करीब 50,000 लड़कियों शोषण का शिकार हो चुकी है।

ग्रूमिंग गैंग के ज्यादा सदस्य पाकिस्तानी हैं:

एक एनजीओ ने दावा किया गया है कि 16-17 साल की करीब 50 हजार लड़कियां ग्रूमिंग गैंग्स का शिकार हुई हैं। गौर करने वाली यह है कि इनमें से केवल 5,000 लड़कियों ने ही पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।

ब्रिटेन के थिंक टैंक क्विलियम फाउंडेशन ने भी 2017 में इस मामले में दावा किया था कि ग्रूमिंग गैंग्स के 84 फीसदी अपराधी एशियाई मूल के होते हैं। इनमें से भी ज्यादातर पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश नागरिक होते हैं। 2015 के एक पिछले शोध में पाया गया कि “समूह और गिरोह-आधारित बाल यौन शोषण” के 1,231 अपराधियों में से 42 फीसद को श्वेत, 14 फीसद को एशियाई या एशियाई ब्रिटिश और 17 फीसद अश्वेत के रूप में परिभाषित किया गया था।

हालांकि, किए गए दावों को अक्सर खारिज भी किया जाता रहा है. 2018 में ब्रिटिश अखबार टेलीग्राफ से नजीर अफजल ने कहा था कि जब किसी मामले में एशियाई मूल के अपराधी शामिल होते थे तो उसे मीडिया मजबूती से दिखाता था, लेकिन जब किसी मामले में गोरे अपराधी होते थे तो उसे दबा दिया जाता है।

साल 2020 में चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज पर यूके के गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट आई थी। इसमें कहा गया था कि ग्रूमिंग गैंग के अपराधियों में ब्लैक और एशियन अपराधियों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जाता है, जबकि ऐसा हो ही नहीं सकता कि ऐसी गैंग्स में सिर्फ किसी एक समुदाय के लोग ही हों। रिपोर्ट में ये भी कहा गया था कि ज्यादातर मामलों में अपराधी व्हाइट युवा भी होते हैं।

ग्रूमिंग गैंग और पाकिस्तान का कनेक्शन क्या है?

ब्रिटेन की इंडिपेंडेंट इन्क्वायरी चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज ने पिछले साल अक्टूबर में रिपोर्ट में दावा किया गया था कि हर 6 में से 1 लड़की और 20 में से 1 लड़के को 16 साल की उम्र से पहले यौन शोषण का सामना करना पड़ता है।

इससे पहले 2014 में प्रोफेसर अलेक्सिस जे ने भी  दावा किया गया था कि 1997 से 2013 के बीच रॉदरहैम में 1,400 बच्चों का यौन शोषण हुआ था, जिनमें से ज्यादातर अपराधी पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश नागरिक थे।

प्रोफेसर जे ने ये भी बताया था कि उत्तरी इंग्लैंड में 11 साल से कम उम्र के कई लड़कियों की ग्रूमिंग की गई और उनकी तस्करी की गई। इसमें भी ज्यादातर अपराधी ब्रिटिश पाकिस्तानी ही थे।

इतना ही नहीं, इस साल ग्रूमिंग गैंग्स पर जो डॉक्यूमेंट्री आई थी, उसमें भी यही दावा किया गया था कि ब्रिटिश पाकिस्तानी बच्चों के यौन शोषण में शामिल रहते हैं।

पाकिस्तान ने दिया जवाब:

पाकिस्तान ने इस मामले में आपत्ति जताई है। इंग्लैंड की गृहमंत्री के बयान पर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने जबाव दिया कि ब्रिटिश पाकिस्तानियों की बेहद भ्रामक तस्वीर पेश करने की कोशिश की गई है। सुएला ब्रेवरमैन ने कुछ लोगों के आपराधिक बर्ताव को पूरे समुदाय का व्यवहार बता दिया है। ब्रेवरमैन ब्रिटिश समाज के लिए ब्रिटिश पाकिस्तानियों की ओर से किए जा रहे सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक योगदान को पहचान नहीं पा रहीं है।

 ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक का बयान:

सुएला ब्रेवरमैन के बयान के अगले ही दिन ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने ऐसी ‘राजनीतिक सुचिता’  की निंदा की जो बच्चों और लड़कियों के यौन शोषण के पीछे ‘दुष्ट’ अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई में बाधक बनती है।

उन्होंने कहा कि महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा सर्वोपरि है। सुनक ने कहा, ”मैं हमेशा के लिए ग्रूमिंग गैंग्स को जड़ से उखाड़ने के लिए जो बन पड़ेगा, करूंगा और यह सुनिश्चित करूंगा कि इन अपराधों के अपराधियों को सबसे कड़ी सजा मिले।” पीएम सुनक ने घोषणा की कि  ग्रूमिंग गैंग्स टास्क फोर्स में ब्रिटेन की नेशनल क्राइम एजेंसी के विशेषज्ञ अधिकारी शामिल किए जाएंगे जो पुलिस की सहायता करेंगे।

ब्रिटेन प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने ट्वीट कर इन गैंग पर लगाम लगाने के लिए कहा, गैंग के कारनामों को रोकने के लिए एक स्पेशल टास्क फोर्स बनाई जाएगी। इसमें बच्चों के शोषण को समझने के लिए विशेषज्ञ अधिकारी शामिल रहेंगे। गैंग मेंबर्स को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। इसके साथ ही आरोपी किस नस्ल के हैं, इसका डेटा भी बनाया जाएगा।

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