हरियाणा देश की ओलंपिक नर्सरी
हरियाणा की संस्कृति, मेहनत और खेलों के प्रति समर्पण ही है, जो इसे भारत की ओलंपिक खेल नर्सरी बनाती है। यहां के युवा सिर्फ खेल खेलते नहीं हैं, बल्कि वे अपनी जिंदगी को खेलों के रूप में जीते हैं। यहां की मिट्टी में कुछ खास है। यही कारण है कि हरियाणा को भारत की ओलंपिक नर्सरी कहा जाता है। जहां से न सिर्फ ओलंपिक विजेता बल्कि देश के लिए गर्व की वजह बनने वाले एथलीट भी निकलते हैं।
युवाओं को मजबूत बनाती है यहां की संस्कृति
दौड़ना, वजन उठाना, फ्लेक्स करना, हरियाणा में सुबह की शुरुआत इसी तरह होती है। यहां के खानपान और सांस्कृतिक पहलुओं का भी बड़ा योगदान है। दूध, दही, मक्खन और पनीर जैसे पदार्थ यहां की भोजन में मुख्य खाद्य पदार्थ हैं, जो शारीरिक विकास में सहायक होते हैं। अच्छे पोषण पर जोर, स्कूलों में नियमित व्यायाम, और प्रतियोगी खेलों में भाग लेना हरियाणवी संस्कृति का हिस्सा है। हरियाणा जो भारत की खेल सफलताओं का इंजन रूम है। हरियाणा में खेल भावना और एथलेटिक की प्रवृत्ति है।
हरियाणा का ओलंपिक में योगदान
पेरिस ओलंपिक में भारत की 117 सदस्यीय टीम में से 24 हरियाणा से और 19 पंजाब से हैं। टोक्यो ओलंपिक में, 119 सदस्यीय टीम में से 31 हरियाणा से और 19 पंजाब से थे। इस बार, हरियाणा के एथलीट 8 विषयों में भाग ले रहे हैं – तीरंदाजी, एथलेटिक्स, बॉक्सिंग, गोल्फ, हॉकी, रोइंग, शूटिंग और कुश्ती। पंजाब के खिलाड़ी 4 विषयों में भाग ले रहे हैं – एथलेटिक्स, गोल्फ, हॉकी और शूटिंग।
खेलों के प्रोत्साहन के लिए पुरस्कार योजनाएं
हरियाणा सरकार ने खेल उपलब्धियों को प्रोत्साहित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। राज्य सरकार द्वारा प्रबंधित शिवाजी स्टेडियम जैसे उत्कृष्ट प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना के साथ-साथ एथलीटों के लिए वित्तीय प्रोत्साहन और सार्वजनिक क्षेत्र में नौकरियों की व्यवस्था की गई है। सरकार इस खेल नीति के तहत इसे और आगे बढ़ाया, जिसमें पदक जीतने वाले एथलीटों को उच्च स्तरीय सरकारी नौकरियों का भी वादा किया गया है। इस नीति के तहत ‘पदक लाओ, पद पाओ’ का नारा अपनाया गया। हरियाणा सरकार ने ओलंपिक विजेताओं के लिए आकर्षक पुरस्कार योजनाएं बनाई हैं। कई एथलीट गरीब पृष्ठभूमि से आते हैं। वे पदक पाने के लिए काफी संघर्ष करते हैं। नकद पुरस्कार और सरकारी नौकरी एक आश्वासन के रूप में कार्य करते हैं। खेल बेहतर जीवन, सरकारी नौकरी और सुरक्षित भविष्य के लिए एक साधन के रूप में काम करते हैं।