कृषि पंप कनेक्शन योजना
किसानों का बड़ा तबका आज भी सिंचाई के लिए मानसून पर निर्भर है। कई किसान डीजल से चलने वाले पंप का सहारा लेकर सिंचाई करते हैं। ऐसे में पहले से बढ़ती खेती की लागत में और बढ़ोतरी होती है। इन समस्याओं से परेशान होने वाले किसानों के लिए मध्यप्रदेश सरकार कृषि पंप कनेक्शन योजना की शुरुआत कर रही है। इन योजनाओं के तहत छोटे किसानों को अनुदान देकर सौर ऊर्जा और बिजली से चलने वाले कृषि पंप लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। ये पंप कम लागत में किसानों को सिंचाई करने में मदद करती हैं।
मध्यप्रदेश की इकोनॉमी होगी दोगुनी
मध्य प्रदेश सरकार प्रदेश की इकोनॉमी को दोगुना करेगी। इसके लिए अगले चार साल में एक लाख 25 हजार अस्थाई बिजली कनेक्शन वाले किसानों को सोलर पंप दिए जाएंगे। इससे किसान बिजली आपूर्ति में आत्मनिर्भर बनेंगे। अगले 5 साल में सिंचाई क्षमता 50 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर एक करोड़ हेक्टेयर की जाएगी। इसके अलावा जो पशुपालक 10 गायों से अधिक गाय का पालन करेंगे, उन्हें सब्सिडी दी जाएगी।
डीजल पंप के खर्च से मिलेगा छुटकारा
बड़ी संख्या में किसान आज भी बिजली कनेक्शन के अभाव में डीजल पंप का इस्तेमाल करते हैं, जिससे प्रदूषण तो बढ़ता ही है। साथ ही उनकी खेती की लागत भी बढ़ती है, क्योंकि उनके खर्च का एक बड़ा हिस्सा डीजल खरीदने में लग जाता है। सरकार अब कई जगहों पर सोलर पंप की सुविधा भी उपलब्ध करा रही है। ऐसे में जहां बिजली पहुंचना मुश्किल है, वहां सोलर पंप के इस्तेमाल से किसानों की सिंचाई के पानी की व्यवस्था हो जाती है। वैसे भी सोलर पंप डीजल पंप के मुकाबले बहुत किफायती होते हैं।
ऐसे करना होगा आवेदन
बिजली कंपनी सरल संयोजन पोर्टल के माध्यम से उपभोक्ताओं का कनेक्शन का फार्म भरने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस योजना का फायदा लेने के लिए सबसे पहले किसानों को विद्युत वितरण कंपनी की वेबसाइट सरल संयोजन पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन फॉर्म भरना होगा। फॉर्म भरने के बाद आगे की कार्यवाही अधिकारी करेंगे। वहीं, सुरक्षा निधि के तौर पर 1200 रुपये प्रति हॉर्स पॉवर उपभोक्ता के पहली बार के बिल में जोड़ी जाएगी।