कृषि भारत: ऐसे बढ़ेगी किसानों की आय, योगी सरकार ने बताए ये तरीके, जाने क्या है-
The Indian Iris
19 days ago
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उत्तर प्रदेश में पहली बार होगा आयोजन
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य कृषि में उन्नत तकनीकों को अपनाना और किसानों की आय को दोगुना करना है। इस 4 दिवसीय कार्यक्रम में बायो टेक्नोलॉजी, पशुपालन, मत्स्य पालन और सिंचाई की नई तकनीकों को भी शामिल किया गया है। इसके माध्यम से किसानों को आधुनिक खेती के तरीकों के साथ-साथ सरकारी योजनाओं और सब्सिडी की जानकारी भी दी जाएगी। सरकार द्वारा किसानों को यंत्रों पर सब्सिडी दी जा रही है, लेकिन उनका पर्याप्त लाभ किसान नहीं उठा रहे। कार्यक्रम के दौरान किसानों को फार्म मशीनरी बैंक के माध्यम से उन्नत उपकरणों के उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
3 से 4 गुना बढ़ सकती है कृषि उत्पादकता
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भारत की सबसे बड़ी 17% यानी 25 करोड़ आबादी निवास करती है। देश की कुल कृषि योग्य भूमि का प्रदेश में केवल 11% है, मगर हमारा कृषि उत्पादन देश के कुल एग्रीकल्चरल प्रोडक्शन का 20% है, जो कि हमारे उत्तम जल संसाधन और उर्वरा भूमि ताकत को दर्शाता है। इसमें अभी भी बहुत संभावनाएं हैं। वर्तमान में हमें डिजिटल एग्रीकल्चर व टेक्नोलॉजी के माध्यम से जो उत्पादन बढ़ाने में मदद मिली है, उसे हम तीन से 4 गुना बढ़ा सकते हैं।
नेचुरल फार्मिंग को मिलेगा बढ़ावा
कृषि की लागत को कम करना और आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल के साथ ही केमिकल फर्टिलाइजर पर निर्धरता को घटाकर प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करने पर सीएम योगी ने फोकस किया। उन्होंने कहा कि किसानों को इसके बारे में जागरूक करना, बीज को बाजार में पहुंचाने की सुलभता, किसान को उपलब्ध कराने और कृषि को उद्यमिता से जोड़ते हुए एक व्यापक बदलाव की गुंजाइश है। सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में हमने किसानों के हित के लिए अनेक कदम उठाए हैं। मृदा परीक्षण, कृषि बीमा, कृषि सिंचाई के साथ ही देश के अंदर 12 करोड़ अन्नदाता किसान सम्मान निधि का लाभ प्राप्त कर रहे हैं।
उत्पादकता में वृद्धि खेती की लागत में आएगी कमी
उत्तर प्रदेश एक कृषि प्रधान राज्य है, जहां 75% भूमि कृषि उपयोग में लायी जाती है। योगी सरकार किसानों के हितों को सर्वोपरि मानती है और उनके कल्याण के लिए अनेक योजनाएं चला रही है. चूंकि, प्रदेश में कृषि क्षेत्र में मैकेनाइजेशन की कमी महसूस की जाती रही है। किसान अभी भी पारंपरिक तरीके से खेती कर रहे हैं, जबकि उन्हें लाइन बुवाई और जीरो सीड ड्रिल जैसी तकनीकों का उपयोग करना चाहिए। इससे न केवल उत्पादकता में वृद्धि होगी बल्कि खेती की लागत भी कम होगी।
उन्नत उपकरणों के उपयोग के लिए किया जाएगा प्रोत्साहित
मेले में पराली प्रबंधन पर भी विशेष जोर दिया जाएगा। सरकार द्वारा किसानों को यंत्रों पर सब्सिडी दी जा रही है, लेकिन उनका पर्याप्त लाभ किसान नहीं उठा रहे। कार्यक्रम के दौरान किसानों को फार्म मशीनरी बैंक के माध्यम से उन्नत उपकरणों के उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
तकनीकी तरीकों से बनें आत्मनिर्भर
इस आयोजन में कृषि क्षेत्र में नए-नए नवाचारों और तकनीकी विकास की आवश्यकता पर जोर दिया जाएगा। कृषि को आत्मनिर्भर और उन्नत बनाने के लिए तकनीक का उपयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है। इससे न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। इस अवसर पर कई स्टार्टअप्स और तकनीकी संस्थानों ने अपनी नई परियोजनाओं और उत्पादों का प्रदर्शन किया, जिनका उद्देश्य खेती को सरल और सुलभ बनाना है।
खेती को आधुनिक और टिकाऊ बनाना है
उर्वरक और खाद के संतुलित और प्रभावी उपयोग को बढ़ावा देना जरूरी है, जिससे लागत कम हो और उत्पादकता में सुधार हो। केंद्र और राज्य सरकारें किसानों के हित में कई योजनाएं चला रही हैं, जिनका उद्देश्य कृषि को आधुनिक और टिकाऊ बनाना है।
निष्कर्ष – कृषि भारत आयोजन 2024
हमने आपको उत्तर प्रदेश में होने वाले कृषि भारत 2024 आयोजन के बारे में जानकारी दी है। आप पूरी जानकारी प्राप्त कर इसका लाभ उठा सकते हैं। कैसी लगी आपको हमारी आज की पोस्ट, आप हमें Comment box में बताना ना भूलें। यदि आपको हमारी पोस्ट पसंद आती है तो इस पोस्ट से मिलने वाली जानकारी अपने दोस्तों के साथ Facebook, Instagram, twitter, what’s app पर ज़रुर शेयर करें। ताकि उन्हें भी यह महत्वपूर्ण जानकारी मिल सके और वे भी इसका लाभ उठा सकें। हमारी वेबसाइट
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