बनेगी टैगलाइन “यूपी नहीं देखा तो दुनिया नहीं देखी”
यूपी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। 48 करोड़ पर्यटक साल में यहां आ रहे हैं। संख्या लगातार बढ़ रही है। निवेशकों के लिए यह सही समय है। सरकार सहयोग के लिए साथ खड़ी है। सड़क और हवाई मार्ग की बेहतर कनेक्टिविटी है। निवेशक जो विरासत संपत्ति विकसित करेंगे वहां एप्रोच रोड, बिजली सरकार पहुंचाएगी। 5 किलोमीटर पहले से साइनेज लगाएंगे। दुधवा एयरस्ट्रिप को एयरपोर्ट में बदला गया है। चित्रकूट में भी यही हो रहा है। जेवर एयरपोर्ट बन रहा है। विरासत संपत्तियों के आसपास वाटर और एडवेंचर स्पोर्ट्स की सुविधा के लिए सरकार सब्सिडी देगी। जरूरत के हिसाब से वहां हेलीपोर्ट भी बनाएंगे। बुंदेलखंड को लेकर उनका खासा फोकस रहा। योगी सरकार का मूलमंत्र ‘यूपी नहीं देखा तो दुनिया नहीं देखा’ बनाना है।’
हेरिटेज नीति में कई रियायतें देगी सरकार
प्रदेश के हेरिटेज स्थलों, किले, हवेलियां, पुरानी कोठियां आदि धरोहरों को विकसित करने के लिए यूपी टूरिज्म की सुविधाजनक नीतियां हैं, जो विकास का आधार बनेगी। प्रॉपर्टी, बिजली बिल सहित अन्य पर भी रियायतों का प्रावधान है। हेरिटेज होटल, यात्री निवास, कल्चरल-वेलनेस सेंटर, विवाह भवन आदि के रूप में धरोहरों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
बुन्देलखंड में हेरिटेज टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं। टहरौली फोर्ट और रघुनाथ राव महल झांसी को विकसित करने का प्रयास है। ललितपुर स्थित तालबेहट का कला, महोबा में मस्तानी महल, सेनापति महल, कोठी तालाब, कालिंजर का किला, भूरागढ़ किला बांदा आदि को विकसित करने की योजना है। धार्मिक नगरी मथुरा के सीताराम महल, आगरा के कम चर्चित किलों को भी विकसित करने का प्रयास है ताकि आगरा-दिल्ली से आने वाले पर्यटक यहां ठहरें। इसी कड़ी में लखनऊ की गुलिस्तां-ए-इरम और दर्शन विला, आलमबाग के प्राचीन स्थल तथा कानपुर के टिकैत राय बारादरी आदि से जुड़ी संभावनाएं भी तलाशी जा रही हैं।
नई हेरिटेज नीति होगी आकर्षक
नई हेरिटेज नीति बेहद आकर्षक होगी। इसमें सरकार संबंधित प्रॉपर्टी तक कनेक्टिविटी के साथ ही आसपास के पूरे इलाके को भी विकसित करेगी। सब्सिडी का भी प्रावधान किया जा रहा है। इससे रोजगार के नये अवसर तो सृजित होंगे। यूं तो यूपी में विरासत संपत्तियां बहुतायत में हैं। अकेले बुंदेलखंड ही ऐसे सैकड़ों हेरिटेज स्थल हैं। ऐसी निजी विरासत में संपत्तियों के मालिकों ने अब पर्यटन विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए प्लेटफार्म के जरिए अपने महलों, कोठियों, हवेलियों को होटल के रूप में तब्दील करने की पेशकश की है। उन्हें निवेशकों के आकर्षक ऑफर का इंतजार है। इसमें संपत्तियों को लीज पर देने सहित कई विकल्प शामिल हैं।
इनका भी होगा पुनर्विकास
ऐसी विरासत संपत्तियों में करीब ढाई एकड़ में बना लखनऊ का जहांगीराबाद पैलेस है। जहां दबंग, गदर, हीरामंडी सहित कई फिल्मों की शूटिंग भी हुई है। कोठी माल मलिहाबाद, एमए खान कोठी, इटौंजा का इंदिरा भवन भी है। कन्नौज के तिर्वा स्थित आनंद भवन पैलेस, सुल्तानपुर का कला भवन, बस्ती का राजमहल, बस्ती का माई मॉम्स विलेज और अहरा कोठी, बहराइच की लाल कोठी, सिद्धार्थनगर का बंशी पैलेस, उन्नाव का गलगला पैलेस, रायबरेली का खजूरगांव पैलेस और शिवगढ़ पैलेस, प्रयागराज का प्लांटर्स बंग्लो सहित कई अन्य निजी हेरिटेज संपत्तियां शामिल हैं।
पर्यटन का महत्वपूर्ण गंतव्य बनेगा यूपी
उत्तर प्रदेश भारत की हृदय स्थली है। यह राज्य अपने ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। प्रदेश की भूमि महान ऐतिहासिक घटनाओं, सभ्यताओं और परंपराओं की साक्षी रही है। प्रदेशभर के विभिन्न जनपदों में किले, कोठी और पैलेस हैं, जो स्वयं में अनगिनत कहानियां समेटे हैं। इन्हीं धरोहरों को सहेजने और उपयोगी बनाने के लिए ’हेरिटेज कॉन्क्लेव’ का आयोजन किया गया। हमें पूर्ण विश्वास है कि कान्क्लेव का सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेगा और उत्तर प्रदेश विरासत पर्यटन में भी महत्वपूर्ण गंतव्य स्थल बनेगा।
निष्कर्ष – यूपी हेरिटेज नीति
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