उत्तर प्रदेश में अयोध्या राम मंदिर निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। इस साल के अंत तक मंदिर का गर्भगृह पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा। अगले वर्ष 2024 में रामलला को गर्भगृह में विराजित कर दिया जाएगा। करीब 500 साल के लंबे इंतजार और कड़ी मेहनत के बाद आखिरकार 22 जनवरी 2024 को श्रीराम जन्म भूमि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का अभिषेक समारोह आयोजित होने जा रहा है। यह सनातन प्रेमियों के लिए भक्ति, खुशी और उत्साह का पल होगा। यह अवसर एक त्योहार के समान होगा। 22 जनवरी को राम मंदिर के अभिषेक व प्राण प्रतिष्ठा के बाद 24 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंदिर का उद्घाटन किया जाएगा। फिर सभी भक्तगण मंदिर में रामलला के दर्शन कर पाएंगे।
तेजी से हुआ अयोध्या राम मंदिर का निर्माण कार्य
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार मंदिर निर्माण का 80% से अधिक कार्य संपन्न हो चुका है। भगवान की गर्भगृह सहित सिंह द्वार, नृत्य मंडप, रंग मंडप, गुड़ मंडप और दोनों तरफ कीर्तन मंडप का निर्माण हो रहा है। राजस्थान के पत्थरों से मंदिर को तैयार किया जा रहा है। इन पत्थरों पर वैदिक परंपरा के मुताबिक नक्काशी की गई है। मंदिर निर्माण के लिए एलएंडटी और टाटा के लगभग 300 से अधिक वर्कर 3 शिफ्टों में कार्य कर रहे हैं। मंदिर के चारों तरफ से लगभग 8 एकड़ की परिधि में मंदिर के तर्ज पर परकोटा निर्माण का कार्य भी प्रारंभ हो गया है। इस परकोटे में तीन अलग-अलग द्वार भी होंगे।
मकर संक्रांति पर गर्भगृह में होंगे रामलला
जनवरी 2024 की मकर संक्रांति पर यानी 365 दिन बाद सूर्य उत्तरायण होते ही राम जन्मभूमि मंदिर के मूल गर्भगृह में भगवान श्री रामलला विराजमान होंगे, इस दौरान भव्य आयोजन किया जाएगा। यह दिन अयोध्या के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि राम जन्मभूमि में पौष शुक्ल तृतीया के दिन प्राकट्य हुआ था। अगले वर्ष यह तिथि मकर संक्रांति को ही पड़ रही है। 75 साल बाद गर्भगृह में भगवान का स्वरूप भव्य हो जाएगा।
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट राम मंदिर में श्री रामलला की खड़े अवस्था में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करेगा। जिसकी स्वीकृति भी ट्रस्ट की बैठक में मिल चुकी हैै। राम जन्मभूमि परिसर के अस्थाई मंदिर में रामलला की एक छोटी मूर्ति विराजमान है, लगभग 30 फिट की दूरी से ही दूर दराज से पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को मिल रहा हैै। जिसके कारण हर कोई अपने आराध्य के दर्शन नही कर पा रहे हैं अब राम मंदिर के मूल गर्भगृह में रामलला की बड़ी मूर्ति लगाए जाने का फैसला ट्रस्ट में लिया हैै।
मंदिर में होंगी 7 हजार भगवानों की मूर्तियां
गर्भगृह के चारों तरफ बन रही मोटी दीवारों पर भी अलग-अलग दिशाओं में देवी देवताओं की छोटी छोटी मूर्तियां लगाई जाएंगी, जो कि लगभग 7000 देवी देवताओं की होंगी। जो मंदिर के गर्भगृह को सुशोभित करेेगी । गर्भगृह के चारों तरफ 4 मीटर चौंड़े परिक्रमा मार्ग को भी तैयार किया जा रहा हैै। श्री राम जन्मभूमि परिसर के बाकी क्षेत्रों के निर्माण के लिए भी योजना बनाई जा रही है, जिसमें यज्ञ मंडप, अनुष्ठान मंडप, संत निवास, संग्रहालय, अनुसंधान केंद्र, पुस्तकालय, आदि सुविधाओं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके अलावा ऋषि वाल्मीकि, आचार्य वशिष्ठ, ऋषि विश्वामित्र, अगस्त्य ऋषि, निषाद, जटायु और माता शबरी के मंदिरों के निर्माण की योजना भी बनाई गई है। और इस बात पर खास ध्यान दिया गया है कि परिसर भक्तों के अनुकूल हो।
सत्येंद्र दास मुख्य पुजारी
राम मंदिर को लेकर चल रही खबरों के बीच मंदिर के पुजारियों की चर्चा भी तेज है। मंदिर में रामलला की पूजा और सेवक के रूप में 3000 आवेदकों में 50 पुजारियों का चयन हुआ है। लेकिन जिन्हें अयोध्या राम मंदिर का मुख्य पुजारी कहा जाता है। इनका नाम है पंडित सत्येंद्र दास जी। सत्येंद्र दास राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी हैं। वे आज से नहीं बल्कि पिछले 32 सालों से रामलला की पूजा करते आ रहे हैं। रामलला की पूजा के लिए उनका चयन 1992 में बाबरी विध्वंस से 9 माह पहले हुआ था। सत्येंद्र दास की उम्र अब 80 वर्ष हो चुकी है, लेकिन इसके बावजूद भी उनके स्थान पर रामलला की पूजा के लिए अन्य मुख्य पुजारी का चयन नहीं हुआ बल्कि सत्येंद्र दास ही मुख्य पुजारी के रूप में नए मंदिर में रामजी की पूजा करेंगे।
अयोध्या राम मंदिर की विशेषताएं
अयोध्या राम मंदिर की विशेषताएं इस प्रकार हैं। 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के पक्ष में फैसला सुनाया था। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और उसके प्रबंधन का पूरा काम श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट संभालता है। चंपत राय इसके सचिव हैं। इस ट्रस्ट के प्रमुख महंत नृत्यगोपाल दास हैं और उसमें 15 सदस्य हैं। 05 अगस्त 2023 को पीएम नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर की नींव रखी थी। विशाल राम मंदिर परिसर 107 एकड़ में फैला होगा। 45 एकड़ में रामकथा कुंज का निर्माण होगा। रामलला का मुख्य मंदिर 2.7 एकड़ में होगा। अयोध्या के राम मंदिर की लंबाई 268 फीट, चौड़ाई 140 फीट और ऊंचाई 161 फीट है। इसमें कुल पांच मंडप होंगे, जिसमें अग्रभाग, सिंहद्वार, नृत्य मंडप, रंग मंडप और गर्भगृह होगा।
राम मंदिर की वर्तमान स्थिति
तीन तल वाले राम मंदिर में कुल 366 खंभे होंगे। भूतल पर 160, प्रथम तल पर 132 और दूसरे तल पर 74 खंभे होंगे। प्रत्येक खंभे पर 16 मूर्तियां बनाई गई हैं। राम मंदिर के भूतल पर गर्भ गृह होगा, जहां रामलला विराजमान होंगे। गर्भ गृह की मूर्ति का निर्माण शालिग्राम पत्थर से होगा। गर्भ गृह ऐसा बनाया जा रहा है, जिसमें प्रभु राम पर सूर्य की पहली किरण पड़ेंगी। मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार होगा। राम दरबार में भगवान राम, माता सीता, अपने तीनों भाई लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और परम भक्त हनुमान जी के साथ होंगे। मंदिर को इस तरह से बनाया जा रहा है, भक्तों के चरण गर्भ गृह पर न पड़ें।
गर्भ गृह के चारों तरफ परिक्रमा पथ होगा, जो 10 फीट चौड़ा होगा। इस मंदिर में रोज 1 लाख भक्त प्रभु राम के दर्शन कर सकेंगे।रामकथा कुंज में हमेशा राम कथा का प्रवचन होगा। मंदिर परिसर में भगवान राम के पूरे जीवन को दर्शाती 125 मूर्तियां भी होंगी। मंदिर परिसर में गौशाला, धर्मशाला, वैदिक पाठशाला भी होगी। राम मंदिर परिसर में प्रवेश के लिए चार द्वार होंगे। पहला द्वार राजा दशरथ के महल की ओर, दूसरा द्वार क्षीरेश्वर नाथ मंदिर की ओर, तीसरा द्वार गोकुल भवन और चौथ द्वार टेढ़ी बाजार की ओर होगा।