उद्योगिनी योजना
उद्योगिनी योजना के तहत सरकार उन सभी महिलाओं को आर्थिक मदद देती है, जो अपना खुद का रोजगार खोलने के लिए लोन लेना चाहती हैैं। इस योजना के माध्यम से अधिकतम 3 लाख रुपए तक का लोन लिया जा सकता हैै। इस लोन के लिए उन्हें किसी भी तरह की कोई भी गारंटी नहीं देनी होती। यह योजना देश के ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में महिला उद्यमियों, विशेषकर अशिक्षित महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करके प्रोत्साहित करती है। कार्यक्रम के माध्यम से महिलाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण भी मिलेगा।
योजना का मुख्य उद्देश्य
सरकार द्वारा उद्योगिनी योजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य गरीब महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है। उद्योगिनी योजना के माध्यम से सरकार उन तमाम महिलाओं की आर्थिक मदद करती है। जो वास्तव में गरीब वर्ग से आती हैं।
उद्योगिनी योजना के लाभ
- उद्योगिनी योजना के माध्यम से विधवा एवं गरीब परिवारों की महिलाओं को अपना व्यवसाय स्थापित करने में वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
- योजना के तहत उम्मीदवार महिलाओं को 3 लाख तक का बिना गारंटी लोन प्रदान किया जाता है।
- इस योजना के तहत सरकार महिला उद्यमियों को आर्थिक रूप से मदद करने के लिए उन्हें दिए जाने वाले लोन पर 30% सब्सिडी भी प्रदान करती है।
- लोन देने से पहले, वित्तीय संस्थान एक प्रक्रिया के माध्यम से आवेदक महिला की पात्रता का मूल्यांकन करता है।
उद्योगिनी योजना हेतु योग्यताएं
- योजना का लाभ लेने के लिए महिलाओं का उद्यमी होना अनिवार्य है।
- महिला के परिवार की आय 1.5 लाख रुपए या उससे कम होनी चाहिए।
- विधवा और दिव्यांग महिलाओं के लिए आय की सीमा नहीं है।
- योजना का लाभ 18 से 55 साल की उम्र की महिलाएं को ही दिया जाता है।
आवश्यक दस्तावेज़
- आधार कार्ड
- जन्म प्रमाण पत्र
- राशन कार्ड
- बीपीएल कार्ड
- आय प्रमाणपत्र
- पते का प्रमाण
- जाति प्रमाण पत्र
- बैंक खाता विवरण
- पासपोर्ट साइज फोटो
आवेदन प्रक्रिया
इस योजना के तहत बिना ब्याज और बिना गारंटी के लोन मिलता है। इसके लिए कोई रजिस्ट्रेशन फीस नहीं देनी होती। आवश्यक दस्तावेज जमा होने के बाद उनका वेरिफिकेशन होता है। इसके बाद योजना के लिए पात्र महिलाओं को शॉर्टलिस्ट किया जाता है।