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बाल श्रमिक विद्या: यूपी में बाल श्रमिकों को शिक्षित करने के लिए शुरू की ये योजना-

हमारे देश में अभी भी बहुत से ऐसे लोग हैं, जो कि आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण अपने बच्चों की पढ़ाई नहीं करवा पाते, और उन्हें मजबूरन बाल मजदूरी करने पर डाल देते हैैं। इसके कारण बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ता है। इन समस्याओं को देखते हुए मुख्यमंत्री बाल श्रमिक विद्या योजना की शुरुआत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के द्वारा की गई है। इस योजना के तहत राज्य के मजदूरों के बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार द्वारा आर्थिक सहायता राशि प्रदान की जाती है। उत्तर प्रदेश बाल श्रमिक विद्या योजना के अंतर्गत राज्य के लगभग 2000 से अधिक गरीब श्रमिक परिवारों के बच्चों को लाभ प्रदान किया जायेगा। इसके अलावा जिनके माता-पिता नहीं होंगे या जिनके माता पिता में से कोई एक होगा, माता पिता किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित होंगे या जो बच्चे विकलांग होंगे उनको भी इस योजना में शामिल किया जाएगा। योजना के माध्यम सेे श्रमिक  बच्चों की जिंदगी में सुधार आ सकेगा और वह पढ़ाई में और अधिक रूचि दिखा सकेंगे।

यूपी बाल श्रमिक विद्या योजना 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 12 जून 2020 को बाल श्रमिक विद्या योजना की शुरुआत की गई थी। यह योजना यूपी राज्य के श्रमिक परिवारों के बच्चों के लिए बहुत ही उपयोगी साबित होगी। इस योजना को श्रम विभाग द्वारा संचालित किया जाता है। योजना के तहत राज्य के श्रमिकों के बच्चों, दिव्यांग बच्चों व अनाथ बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार आर्थिक मदद प्रदान करेगी। इस योजना के अंतर्गत राज्य के श्रमिक लड़कों को 1000 रुपए प्रतिमाह और लड़कियों को 1200 रुपए प्रति माह राज्य सरकार द्वारा प्रदान किए जाते हैं। इसके अलावा राज्य के जो श्रमिक बच्चे 8वीं, 9वीं और 10वीं कक्षा में पढ़ रहे हैं, उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रतिवर्ष 6000 रूपए की अतिरिक्त सहायता प्रदान की जाएगी। योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक आसानी से अपने मोबाइल व कंप्यूटर के जरिेए ऑनलाइन माध्यम से योजना के तहत आवेदन कर सकते है।

योजना का मुख्य उद्देश्य

इस योजना का मुख्य उद्देश्य श्रमिकों के बच्चों को उच्च शिक्षा प्राप्त कराना और व्यवसाय देना है। इस लक्ष्य के साथ कि उनका भविष्य अगले स्तर तक पहुंचेगा। बाल श्रमिक विद्या योजना का मुख्य उद्देश्य श्रमिकों के बच्चों का भविष्य उज्जवल बनाना है। इस योजना के माध्यम से मिलने वाली आर्थिक सहायता का उपयोग करके श्रमिक बच्चे अपने आगे की पढ़ाई जारी रख सकेंगे। और उनके जीवन स्तर में भी सुधार आएगा और वह आत्मनिर्भर बन सकेंगे। मुख्यमंत्री बाल श्रमिक विधा योजना के शुरू होने से बच्चों को बाल मजदूरी करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और वह अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर पाएंगे।

मुख्यमंत्री बाल श्रमिक विद्या योजना के लाभ

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बाल श्रमिकों के लिए शुरू की गई इस योजना के लाभ इस प्रकार हैं।
  • इस योजना के तहत राज्य के श्रमिक लड़कों को 1000 रूपए प्रति माह और लड़कियों को 1200 रूपए प्रति माह राज्य सरकार द्वारा  मुहैया कराए जायेंगे।
  • मुख्यमंत्री बाल श्रमिक विद्या योजना के अंतर्गत राज्य के जो श्रमिक बच्चे 8वीं, 9वीं और 10वीं कक्षा में पढ़ रहे हैं, उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रतिवर्ष 6000 रूपए की अतिरिक्त सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
  • यूपी की इस बाल श्रमिक योजना का लाभ राज्य के 2000 से अधिक बच्चों को दिया जाएगा।
  • श्रमिक छात्रों को लाभान्वित करने और उन्हें बाल श्रमिक के रूप में काम करने से रोकने के लिए यह योजना शुरू की गई है।
  • बाल श्रमिक विद्या योजना के सफल परिक्षण के आधार पर यह योजना राज्य के कुल 10 जिलों में शुरू की गई है।

मुख्यमंत्री बाल श्रमिक विद्या योजना हेतु योग्यताएं

राज्य के जो भी इच्छुक श्रमिक नागरिक इस योजना का लाभ उठाने हेतु आवेदन करना चाहते हैं, तो उनके पास निम्न योग्यताओं का होना अनिवार्य है।
  • आवेदक को उत्तर प्रदेश का स्थाई निवासी होना अनिवार्य है।
  • आवेदक की आयु 8 से 18 वर्ष के बीच की होनी चाहिए।

आवश्यक दस्तावेज

राज्य के जो भी इच्छुक श्रमिक नागरिक इस योजना का लाभ उठाने हेतु आवेदन करना चाहते हैं, तो उनके पास निम्न दस्तावेजों का होना अनिवार्य है।
  • आधार कार्ड
  • जाति प्रमाण पत्र
  • जन्म प्रमाण पत्र
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • मोबाइल नंबर

मुख्यमंत्री बाल श्रमिक विद्या योजना की चयन प्रक्रिया

  • मुख्यमंत्री बाल श्रमिक विद्या योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के बच्चों की पहचान श्रम विभाग के अधिकारियों की ओर से निरीक्षण में, ग्राम पंचायतों, स्थानीय निकाय, चाइल्डलाइन अथवा विद्यालय प्रबंध समिति द्वारा की जाएगी।
  • यदि बच्चे के माता या पिता या फिर दोनों किसी लाइलाज रोग से पीड़ित है तो उनके बच्चों को चयन में प्राथमिकता दी जाएगी।
  • इस प्राथमिकता के लिए चीफ मेडिकल ऑफिसर के द्वारा दिया गया एक सर्टिफिकेट देना होगा।
  • भूमिहीन परिवारों और महिला प्रमुख परिवारों के चयन के लिए 2011 की जनगणना की सूची का उपयोग किया जाएगा।
  • प्रत्येक लाभार्थी के चयन की मंजूरी के बाद इसे इ ट्रेकिंग सिस्टम पर अपलोड किया जाएगा।

मुख्यमंत्री बाल श्रमिक विद्या योजना हेतु आवेदन प्रक्रिया

अगर, आप भी योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन करना चाहते है, तो आपको योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा। लेकिन इसके लिए अभी थोड़ी प्रतीक्षा करनी होगी। क्योंकि, सरकार द्वारा अभी कुछ समय पहले इस योजना को शुरू किया गया है और योजना का आवेदन करने की ऑनलाइन प्रक्रिया को अभी जारी नहीं किया गया है। जैसे ही योजना की ऑनलाइन आवेदन प्रकिया शुरू होगी हम आपको अपनी वेबसाइट के माध्यम से सूचित कर देंगे, जिसके बाद आप आसानी से योजना का आवेदन कर सकते हैं और इससे मिलने वाले लाभ और सहायता राशि को प्राप्त कर सकते हैं।

निष्कर्ष – मुख्यमंत्री बाल श्रमिक विद्या योजना

हमने आपको उत्तर प्रदेश की बाल श्रमिक विद्या योजना से संबंधित सभी जानकारी दी है। उम्मीद करते हैं, आपको सभी जानकारी रोचक लगी होगी। इस तरह आप पूरी जानकारी प्राप्त कर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। अगर आप अन्य किसी योजनाओं की जानकारी लेना चाहते हैं, तो हमारी वेबसाइट में दी गई अन्य योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। उस योजना से मिलने वाले लाभों को ले सकते हैं। कैसी लगी आपको हमारी आज की पोस्ट, आप हमें Comment box में बताना ना भूलें। और यदि आपको हमारी पोस्ट पसंद आती है तो इस पोस्ट से मिलने वाली जानकारी अपने दोस्तों के साथ Social Media Sites, Facebook, Instagram, twitter, what’s app पर ज़रुर शेयर करें। ताकि उन्हें भी यह महत्वपूर्ण जानकारी मिल सके और वे भी इसका लाभ उठा सकें।

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