केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के त्वरित अनुप्रयोग एवं विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2019 से फेम 2 योजना चलाई थी। इसके लिए 10000 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि आवंटित की गई थी। केंद्र सरकार ने वर्ष 2019 में रोल आउट होने वाली (फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल) फेम 2 सब्सिडी योजना जो कि अब तक केवल 10000 करोड़ रुपए थी उसे बढ़ाकर 11500 करोड़ रुपए कर दिया है। यह योजना केवल 31 मार्च 2024 तक के लिए ही लागू है। इससे इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वाले लोगों को लाभ मिलेगा।
फेम 2 योजना
सरकार की फेम 2 योजना की शुरुआत 10 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन, 5 लाख इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहन और 55000 इलेक्ट्रिक पैसेंजर कारें, साथ ही 7000 इलेक्ट्रिक बसों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी। 31 जनवरी 2024 तक इस योजना के तहत 13.41 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री पर इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं को कुल 5790 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी जा चुकी है। इसके अलावा सरकार ने विभिन्न शहरों राज्य परिवहन उपक्रमों और राज्य सरकार की संस्थाओं को इंट्रासिटी ट्रांसपोर्टेशन के लिए 6862 इलेक्ट्रिक बसों के साथ-साथ 7432 इलेक्ट्रिक व्हीकल पब्लिक चार्जिंग स्टेशनों के लिए ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को कैपिटल सब्सिडी के रूप में 800 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है।
बढ़ सकती है सब्सिडी की समय अवधि
फेम 2 योजना एक टर्म-लिमिटेड योजना है जो कि 31 मार्च 2024 तक या फिर फंड रहने तक लागू रहेगी। अभी सरकार की तरफ से फेम योजना के तहत मिलने वाली सब्सिडी की समय अवधि को आगे बढ़ाने के बारे में कोई घोषणा नहीं की गई है। लेकिन पिछले हफ्ते पेश हुए अंतरिम बजट में सरकार ने अगले वित्तीय वर्ष के लिए फेम योजना के लिए 2671 करोड़ रुपए आवंटित करने का ऐलान किया था। इसलिए इसे एक संकेत माना जा रहा है कि सरकार फेम 2 सब्सिडी योजना को आगे बढ़ा सकती हैै।
इंडस्ट्री का कहना
इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड और बिक्री देश में तेजी से बढ़ रही है। ख़ासकर दोपहिया और तिपहिया वाहनों में। इलेक्ट्रिक वाहनों की कुल बिक्री 2023 में 1.53 मिलियन यूनिट तक पहुंच गई जो 2022 में 1.02 मिलियन थी। ऐसे में इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री का मानना है कि यदि सरकार फेम 2 सब्सिडी को तीसरे चरण के तौर पर आगे बढ़ाती है तो इससे इंडस्ट्री को ग्रोथ करने में और भी मदद मिलेगी।
इन ऑटो कंपनियों से वसूले जाएंगे करोड़ों रुपए
इस योजना के तहत प्रोत्साहन राशि का दावा करने वाली 7 कंपनियां निर्धारित प्रावधानों के उल्लंघन की दोषी पाई गई हैं। भारी उद्योग मंत्रालय की जांच में पता चला है कि इन कंपनियों ने निर्धारित मानकों का उल्लंघन करते हुए प्रोत्साहन राशि ली है। दोषी पाई गई कंपनियों के नाम हीरो इलेक्ट्रिक, ओकिनावा ऑटोटेक, एम्पीयर ईवी, रिवोल्ट मोटर्स, बेनलिंग इंडिया, एमो मोबिलिटी और लोहिया ऑटो हैं। इन सभी कंपनियों से सरकार ने 469 करोड़ रुपए की मांग की है। उन्हें यह राशि सरकार को लौटानी पड़ेगी।