क्या होता है मॉनसून सत्र?
भारत की संसद के तीन प्रमुख सत्र होते हैं। बजट सत्र, मॉनसून सत्र और शीतकालीन सत्र। आमतौर पर मॉनसून सत्र सबसे छोटा होता है जुलाई से सितंबर के बीच होने वाले मॉनसून सत्र के समय देश में मॉनसूनी बारिश हो रही होती है इसीलिए इसे मॉनसून सत्र कहा जाता हैै। संसद का मानसून सत्र, इस वर्ष 2023 आगामी 20 जुलाई से शुरू होकर 11 अगस्त तक चलेगा। संसद का मानसून सत्र 23 दिन तक चलेगा और इस सत्र में कुल 17 बैठकें आयोजित की जाएंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में देश में समान नागरिक संहिता लागू करने का मुद्दा उठाया था। ऐसे में संसद के मानसून सत्र में इस मुद्दे पर खासा हंगामा होने का अनुमान है।
मणिपुर हिंसा और महंगाई पर चर्चा
मानसून सत्र की शुरुआत के प्रथम दिन विपक्ष मणिपुर और महंगाई समेत कई मुद्दों पर जवाब मांग सकता है। हालांकि सरकार भी संसद में इस बार बहस करने को तैयार है। साथ ही महंगाई, राज्यों के अधिकारों पर अतिक्रमण के साथ संघीय ढांचे पर हमला, अदाणी विवाद पर जेपीसी के गठन की मांग, पूर्वी लाख में एलएसी पर तीन साल से अधिक समय से चीन के साथ जारी सैन्य टकराव गतिरोध जैसे कई अहम मुद्दों पर बहस कराने की विपक्ष दलों ने अपनी मांग रखी है।
मॉनसून सत्र 2023 होगा हंगामेदार
इस बार मॉनसून सत्र के हंगामेदार होने के आसार हैं। एक ओर जहां सत्ता पक्ष महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने का प्रयास करेगा, वहीं दूसरी ओर विपक्ष मणिपुर हिंसा, रेल सुरक्षा और महंगाई मामले पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा। मानसून सत्र के दौरान दिल्ली के लिए लाए गए केंद्र सरकार के संशोधन बिल पर भी चर्चा हो सकती है। यह बिल सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के बाद लाया गया है, जिसमें दिल्ली में प्रशासन के लिए कोर्ट ने दिल्ली सरकार को अधिकृत किया है। इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी काफी मुखर है और विभिन्न पार्टियों का समर्थन जुटाकर केंद्र पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है। ऐसे में संसद के मानसून सत्र के दौरान इस पर खूब हंगामा देखने को मिल सकता है।
21 विधेयक होंगे पेश
संसद का मॉनसून सत्र 20 जुलाई से शुरू हो गया है। मॉनसून सत्र के दौरान सरकार लोकसभा में चर्चा और पारित करने के लिए 31 विधेयकों को पेश करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। जिनमें से कुछ निम्न प्रकार हैं।
1. दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक
मॉनसून सत्र में दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक 2023 भी शामिल हैै। यह विधेयक संबंधित अध्यादेश का स्थान लेने के लिए पेश किया जाएगा। ऐसे में सभी दलों को सत्र चलाने में सहयोग करना चाहिए, क्योंकि सरकार नियम व प्रक्रिया के तहत किसी भी विषय पर चर्चा कराने से पीछे नहीं हट रही हैै।
2. प्रोविजनल कलेक्शन ऑफ टैक्सेज बिल
मॉनसून सत्र में इस बिल को लाने का उद्देश्य मौजूदा विधेयक के साथ-साथ नए विधेयक को भी लागू करने का है।
3. इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड एंड बैंक बिल
इस विधेयक के तहत मौजूदा इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड एंड बैंक एक्ट 1945 को निरस्त करने की मांग की जाएगी।
4. डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल
इस बिल के तहत डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन को कानूनी दायरे में लाने का उद्देश्य है। यह बिल भारतीय यूजर्स के निजी डेटा के गलत उपयोग को रोकने के लिए लाया जा रहा है। साथ ही इसमें मौजूदा और भविष्य की टेक्नोलॉजी को ध्यान में रखते हुए नियम बनाए गए हैं।
5. पोस्टल सर्विसेज बिल
इंडियन पोस्ट ऑफिस एक्ट 1898 के स्थान पर पोस्टल सर्विसेज बिल को लाने का उद्देश्य है।
6. जन विश्वास बिल
इस बिल के तहत आसानी से कारोबर करने में सुधार के लिए विभिन्न अपराधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने की मांग की जाएगी।
7. ड्रग्स, मेडिकल डिवाइसेज एंड कॉस्मेटिक्स बिल
ड्रग्स, मेडिकल डिवाइसेज एंड कॉस्मेटिक्स बिल में ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940 को निरस्त करने के लिए पटल पर रखा जाएगा।
8. प्राचीन स्मारक और पुरातात्विक स्थल और अवशेष बिल
ऐतिहासिक स्मारकों के आसपास के इलाकों को चिह्नित कर वहां प्रवेश प्रतिबंधित किया जाए।
9. डीएनए टेक्नोलॉजी रेगुलेशन बिल
इस बिल के तहत पहचान स्थापित करने के लिए डीएनए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल को विनियमित करना है।
10. यूसीसी बिल
मानसून सत्र में मोदी सरकार समान नागरिक संहिता को लेकर बिल पेश कर सकती है। पीएम मोदी के बयान को यूसीसी के पक्ष में पिच तैयार करना माना जा रहा है।
11. मॉनसून सत्र में राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन विधेयक 2023
12. वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक 2023
13. जैविक विविधता (संशोधन) विधेयक 2021
14. निरसन और संशोधन विधेयक 2022।
15. मल्टी स्टेट सहकारी सोसायटी (संशोधन) विधेयक
16. 2022, मीडिएशन बिल 2021
17. संविधान (अनसूचित जनजाति) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक 2022 आ सकता है।
18. बुजुर्गों के हित में भी एक बिल आने वाला है।
19. 33% महिलाओं के आरक्षण के प्रावधान
सर्वदलीय बैठक में बीजद, वाइएसआर कांग्रेस और बीआरएस ने महिला आरक्षण का विधेयक पास कराने की मांग की। संसद और विधानसभाओं में 33 % महिलाओं के आरक्षण के प्रावधान का विधेयक राज्यसभा में पहले से ही पारित हो चुका है। जो अभी तक पेंंडिंग हैै।
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