राजस्थान सरकार ने स्टार्ट-अप नीति 2015 का शुभारंभ किया, जिसमें गुलाबी नगरी को स्टार्ट-अप केंद्र बनाने की प्रस्तावना रखी गयी । इस योजना के तहत नीति उद्यमियों और छात्रों – जो बड़े पैमाने पर अपने विचारों को रोजगार के अवसरों में परिवर्तित करेंगे । स्टार्ट- अप नीति की बढ़ती प्रासंगिकता को देखते हुए इस योजना को एक बहुत अच्छे कदम के रूप में देखा जा सकता है। निवेशकों को भी इस नीति का बेसब्री से इंतज़ार था ।
नीति का मुख्य केंद्र: ·
- स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए अगले पाँच सालों में 50 इन्क्यूबेटरों को स्थापित किया जाएगा।
- सरकार, राज्य में 500 स्टार्ट- अप और एक 10,000 वर्ग फुट का Incubation centre का निर्माण करेगी।
- स्टार्ट-अप नीति के तहत सरकार अगले पाँच वर्षो में रु 500 करोड़ की वितीय सहायता करेगी।
- शुरूआती स्तर में दस लाख की विपणन सहायता मिलेगी।
- राज्य भर में कौशल संस्कृति समस्या को हल करने का काम किया जायेगा।
केंद्र बिंदु के क्षेत्र:·
- मोबाइल और सूचना प्रौद्योगिकी।
- ग्रामीण अवसंरचना।
- नवीकरण ऊर्जा।
- सामाजिक और क्लीनटेक- शिल्प, पानी, सफाई और हेल्थकेयर।
- इंटरनेट: हार्डवेयर और इलेक्ट्रॉनिक्स।
- विघ्न्टनकारी विचार और तकनीकी विचार।
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