1. पीएम किसान सम्मान निधि योजना
पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत लाभार्थी किसानों को हर 4 महीने में 2000 रुपए दिए जाते हैं। सालाना ये राशि 6000 रुपए है। इसे सीधे बैंक खातों में ट्रांसफर किया जाता है। साल में कुल 3 किस्तें प्रधानमंत्री मोदी खुद बैंक खातों में ट्रांसफर करते हैं।
उद्देश्य
प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि योजना छोटे और सीमांत किसानों के लाभ के लिए कृषि और किसान कल्याण विभाग द्वारा 1 दिसंबर, 2018 को शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य तीन किश्तों में हर साल 6000 रुपए प्रदान करके किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इस योजना का लाभ सभी भूमि धारक किसानों को मिलेगा। लाभार्थी किसानों के पास खेती योग्य भूमि होनी चाहिए।
2. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा किसानों के लाभ के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का शुभारंभ किया गया है। इस योजना के अंतर्गत यदि किसी किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा की वजह से किसानों की फसल खराब हो जाती है तो ऐसी स्थिति में किसानों को बीमा कवर देने का प्रावधान किया गया है। केंद्र सरकार द्वारा संचालित इस योजना के माध्यम से अब तक 36 करोड़ किसानों को बीमा कवर प्रदान किया जा चुका है।
उद्देश्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक आपदा से हुए फसल के नुकसान पर पीड़ित किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है ताकि किसानों को नवीन और आधुनिक कृषि पद्धति को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके और किसानों की आय में बढ़ोतरी और उनकी खेती में निरंतरता सुनिश्चित हो सके। इस योजना के तहत सरकार द्वारा किसानों को अलग अलग फसलों के नुकसान पर अलग-अलग धनराशि प्रदान की जाती है। देश के किसान इस योजना के तहत आवेदन कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
3. पीएम किसान मानधन योजना
पीएम किसान मानधन योजना को किसान पेंशन योजना भी कहा जाता है। इस योजना के अंतर्गत आवेदन करने वाले लाभार्थी किसानों की आयु 18 से 40 वर्ष ही होनी चाहिए। केंद्र सरकार 5 करोड़ से ज्यादा छोटे और सीमांत किसानों को इस योजना के अंतर्गत शामिल करेगी। इस योजना का लाभ उन लाभार्थियों को भी दिया जायेगा जिसके पास 2 हेक्टेयर या इससे कम की कृषि योग्य भूमि होगी। इस योजना के तहत अगर लाभ प्राप्त करने वाले लाभार्थी की किसी कारण वश मृत्यु हो जाती है तो लाभार्थी की पत्नी को प्रतिमाह1500 रुपए दिए जायेंगे।
उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के छोटे और सीमांत किसानों को सरकार द्वारा 60 साल की आयु के बाद 3000 रूपए की मासिक पेंशन देकर आर्थिक सहायता प्रदान करना और उनकी बुढ़ापे की आर्थिक ज़रूरतों को पूरा करना है। प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना के माध्यम से देश के किसानों को बुढ़ापे में आत्मनिर्भर बनाना और भूमिहीन किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।
4. किसान क्रेडिट कार्ड
किसान क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत देश के किसानों को एक क्रेडिट कार्ड प्रदान किया जाता है। जिसके माध्यम से उन्हें 1 लाख 60 हजार रुपए तक का लोन दिया जाता है। इस लोन के माध्यम से देश के किसान अपनी खेती की और अच्छे से देखभाल कर पाएंगे। इसी के साथ किसान अपनी फसल का बीमा भी करा पाएंगे। हाल ही में किसान क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत पशु पालक तथा मछुआरों को भी शामिल किया गया है। किसान क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत लोन बिना किसी गारंटी के किसानों को 4% ब्याज दर पर प्रदान किया जाएगा।
उद्देश्य
सरकार द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड योजना को शुरू करने का किसानों की आय को दोगुनी करने का उद्देश्य निर्धारित किया गया है। किसानों की आर्थिक समस्याओं को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड योजना को आरंभ किया गया है। पीएम किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत किसानों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना, उनके भविष्य को सुरक्षित करना, देश के किसानों का विकास करना और उन्हें मज़बूत बनाना ही इस योजना का मुख्य लक्ष्य है।
5. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना
अनाज के लिए कृषि सबसे ज्यादा ज़रुरी है और कृषि तभी बेहतर होगी जब सिंचाई अच्छे से होगी। खेतों में सिंचाई के लिए पानी की अधिक आवश्यकता होती है। अगर फसलों को अच्छे से पानी नहीं मिलेगा तो वह ख़राब हो जाएगी । किसानों कि इस समस्या को दूर करने और उनको खेती के लिए पानी की पर्याप्त व्यवस्था करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना के तहत सेल्फ हेल्प ग्रुप्स, ट्रस्ट, सहकारी समिति, उत्पादक कृषकों के समूहों के सदस्यों और अन्य पात्रता प्राप्त संस्थानों के सदस्यों को भी लाभ प्रदान किया जायेगा।
उद्देश्य
इस योजना का उद्देश्य देश के हर खेत को पानी पहुंचाना है। इस योजना के माध्यम से ज्यादा जल संसाधनों का अधिकतम उपयोग किया जाएगा, ताकि बाढ़ और सूखे की वजह से होने वाले नुकसान की रोकथाम की जा सके। ऐसा करने से उपलब्ध संसाधनों का कुशल उपयोग हो सकेगा और साथ ही किसानों को अधिक पैदावार मिलेगी। और किसानों कि आय में भी बढ़ोतरी होगी।