पीएम स्वनिधि योजना
पीएम स्वनिधि योजना शहरी स्ट्रीट वेंडरों के लिए एक सूक्ष्म ऋण योजना है। इसका उद्देश्य सड़क किनारे रेहड़ी पटरी वालों को 50,000 रुपये तक बिना किसी गारंटी के ऋण की सुविधा प्रदान करना है। इस योजना के अंतर्गत, नियमित पुनर्भुगतान को 7% ब्याज सब्सिडी के साथ प्रोत्साहित किया जाता है और डिजिटल लेनदेन को प्रति वर्ष 1,200 रुपये तक के कैशबैक के साथ पुरस्कृत किया जाता है। इस योजना के तहत सरकार 3 अलग-अलग किस्तों में रेहड़ी-पटरी वालों को 10,000 रुपये से 50,000 रुपये तक का लोन अपने खुद के व्यवसाय स्थापित करने के लिए देती है। इस योजना में पात्र लोग पहली बार में 10,000 रुपये तक का लोन ले सकते हैं। इसे 12 महीने की अवधि के दौरान वापस करना होता है। इसके बाद आप 20,000 रुपये तक का और फिर तीसरी बार में 50,000 रुपये तक का लोन ले सकते हैं।
50 लाख से अधिक लाभार्थियों को मिला लाभ
आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय की पहल पीएम स्वनिधि योजना ने देश भर में 50 लाख से अधिक रेहड़ी-पटरी वालों को ऋण मुहैया कराकर एक महत्वपूर्ण पड़ाव हासिल किया है। केवल तीन वर्षों में 50 लाख से अधिक लाभार्थियों तक इसका लाभ पहुंचा कर सरकार उम्मीदों से आगे निकल गई है। यह उपलब्धि सड़क किनारे रेहड़ी पटरी वालों को सशक्त बनाने और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत करने एवं उनके जीवन स्तर में सुधार लाने हेतु बहुत उपयोगी है। 50 लाख से अधिक स्ट्रीट वेंडर्स को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की उपलब्धि भारत की अनौपचारिक अर्थव्यवस्था के लिए एक आशाजनक भविष्य का प्रतीक है।
कौन और कैसे उठा सकता है लाभ
कोई ऐसा व्यक्ति जो रोजमर्रा के सामान बेचने वाले या किसी अस्थाई रूप से बने हुए स्टॉल से या फिर गली-गली घूमकर अपना समान बेचने वाला, सब्जी, फल, चाय-पकौड़ा, ब्रेड, अंडे, कपड़े, किताब, लेखन सामग्री बेचने वाले। नाई की दुकान, मोची, पान की दुकान या लांड्री सेवा मुहैया कराने वालेे आदि सभी ऐसे लोगों को योजना का लाभ दिया जाएगा। योजना के तहत कॉमर्शियल बैंक, ग्रामीण बैंक, छोटे वित्त बैंक, सहकारी बैंक, नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी, एसएचजी बैंक आदि से लाभार्थियों को लोन देने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। अपने इलाके के किसी बैंकिंग कोरेस्पोंडेंट या किसी माइक्रो फाइनेंस संस्था के एजेंट से संपर्क कर सकते हैं। इन लोगों के पास सर्वेक्षण लिस्ट होती है और ये आपको एप्लीकेशन भरने और मोबाइल ऐप या वेब-पोर्टल में आपके दस्तावेज अपलोड करने में मदद करेंगे।
पीएम स्वनिधि योजना से मिले ये बड़े लाभ
मोदी सरकार ने पीएम स्वनिधि योजना के माध्यम से शहरों में काम करने वाले छोटे छोटे कारोबारियों को आर्थिक मदद देकर तरक्की के पर्याप्त अवसर दिए। इस योजना से सड़क किनारे रेहड़ी पटरी वालों को कई सारे बड़े लाभ मिलें हैं जिससे इनके जीवन स्तर में बहुत सुधार आया है। पीएम स्वनिधि योजना के तहत लोन लेने वाले 5.9 लाख लोग 6 मेगा शहरों से हैं और 7.8 लाख लोग 1 करोड़ से अधिक आबादी वाले शहरों से आते हैं। अब तक तीनों किस्तों में लगभग 70 लाख लोन बांटे गए हैं, जिससे 53 लाख से अधिक सड़क किनारे रेहड़ी पटरी वाले लाभान्वित हुए हैं। इसके साथ ही लोन की कुल रकम 9,100 करोड़ रुपये है।
उद्यमिता को मिला बढ़ावा
पीएम स्वनिधि योजना में 65% कर्जदार 26-45 आयु वर्ग के हैं। लगभग 75% लोन लेने वाले लाभार्थी गैर-सामान्य श्रेणी से आते हैं। लोन लेने वाले लोगों में ओबीसी वर्ग के लोग 44% है, जबकि SC/ST के लोग 22% है। कुल लाभार्थियों में से 43% महिलाएं हैं। इस योजना में महिलाओं की सक्रियता देख कर महिलाओं के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा मिला है, जो उन्हें आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से मजबूत बनाता है। स्वनिधि योजना शुरू होने से उद्यमिता में महिलाओं की भागीदारी भी बढ़ी है।
योजना के तहत डिजिटल लेनदेन
पीएम स्वनिधि से डिजिटल लेनदेन की स्वीकार्यता बढ़ी है।पीएम स्वनिधि योजना स्ट्रीट वेंडरों को डिजिटल भुगतान के माध्यम से भी सशक्त बनाती है। डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने, भागीदार ऋण प्रदाता संस्थान या बैंक और डिजिटल भुगतान एग्रीगेटर्स ने डिजिटल ऑनबोर्डिंग और प्रशिक्षण की पेशकश की है। इन सहयोगों के परिणाम स्वरूप 1,33,003 करोड़ रुपये के 113.2 करोड़ से ज्यादा डिजिटल लेनदेन हुए हैं, जिसमें लाभार्थियों को 58.2 करोड़ रुपये का कैशबैक प्राप्त हुआ है।
निष्कर्ष – पीएम स्वनिधि योजना
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