मध्यप्रदेश सरकारी योजना के तहत पलेन से तीर्थ यात्रा:
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने राज्य के बुजुर्ग लोगों को सौगात देने जा रहे हैं। वह अपनी मध्यप्रदेश सरकारी योजना के तहत बुजुर्गों को प्लेन से मुफ्त तीर्थयात्रा करवाएंगे।धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग की तरफ से एक एक आदेश भी जारी कर दिया गया है। इस आदेश में बताया गया है कि मध्यप्रदेश सरकारी योजना के प्रथम चरण के लिए पंजीकरण शुरू हो गया है। ऐसे बुजुर्ग जो 65 साल या उससे अधिक उम्र के हैं वह मध्यप्रदेश सरकारी योजना के तहत यात्रा का लाभ ले सकते हैं। अभी इस यात्रा का पंजीकरण 25 जिलों के लोगों के लिए शुरू किया गया है।
मध्यप्रदेश सरकारी योजना के तहत बुजुर्ग करेंगे मुफ्त तीर्थयात्रा:
यह मध्यप्रदेश सरकारी योजना, मध्यप्रदेश सरकार की प्रमुख ‘मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना’ का हिस्सा है, जिसे जून 2012 में लॉन्च किया गया था। अब तक लाभार्थियों को ट्रेनों से विभिन्न धार्मिक पूजा स्थलों पर ले जाया जाता था। लेकिन अब इसमें हवाई यात्रा को भी जोड़ा जाएगा।
तीर्थयात्रा 21 मई से शुरु होगी:
मध्यप्रदेश सरकार की इस योजना के तहत अभी तक हितग्राहियों को ट्रेनों से तीर्थ यात्रा पर ले जाया जाता था। लेकिन अब इसमें उड़ानों का विकल्प शामिल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि योजना का लाभ उठाने के लिए, लाभार्थियों की आयु 65 वर्ष और उससे अधिक होनी चाहिए और वह आयकर दाता नहीं होना चाहिए। यदि प्रशासन को प्रत्येक जिले के लिए आवंटित कोटा से अधिक वरिष्ठ नागरिकों के आवेदन प्राप्त होते हैं, तो ऐसे में लाभार्थियों का चयन लॉटरी प्रणाली के माध्यम से किया जाएगा।
कहां कहां होगी यात्रा:
इस योजना के तहत 25 जिलों के पात्र लाभार्थियों को 21 मई से 19 जुलाई के बीच हवाई जहाज से विभिन्न गंतव्यों की तीर्थ यात्रा पर ले जाया जाएगा। इस योजना के जरिए वरिष्ठ नागरिकों को प्रयागराज, शिरडी, मथुरा-वृंदावन और गंगासागर की तीर्थ यात्रा पर ले जाया जाएगा।
21 मई को भोपाल से प्रयागराज, 23 मई को आगर मालवा से शिर्डी, 25 मई को बैतूल से वृंदावन, 26 मई को देवास से शिरडी, 3 जून को खंडवा से गंगासागर, 4 जून को हरदा से प्रयागराज, 6 जून को मंदसौर से शिरडी और 8 जून को नर्मदापुरम से मथुरा-वृंदावन की यात्रा की जाएगी।
9 जून को नीमच से शिर्डी, 15 जून को बड़वानी से गंगासागर, 16 जून को इंदौर से गंगासागर, 18 जून को दमोह से प्रयागराज, 19 जून को बुरहानपुर से गंगासागर, 19 जून को रतलाम से शिरडी के लिए उड़ान भरेगी। 20 जून को शाजापुर से शिरडी, 22 जून को सागर से मथुरा-वृंदावन और 23 जून को खरगोन से गंगासागर तक की यात्रा कराई जाएगी।
यह योजना भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम की मदद से लागू की जाएगी। प्रत्येक जिले के लिए कुल 33 सीटें आरक्षित होंगी। इनमें से 32 सीटें लाभार्थियों की होंगी और प्रत्येक उड़ान में एक सीट एस्कॉर्ट ऑफिसर के लिए होगी।
इस उम्र के लाभार्थी कर सकेंगे यात्रा:
आईआरसीटीसी द्वारा नामित एक टूर मैनेजर भी योजना के लाभार्थियों के साथ जाएगा। मध्यप्रदेश सरकार की इस योजना का लाभ उठाने के लिए, लाभार्थियों की आयु 65 वर्ष और उससे ज्यादा होनी चाहिए और उन्हें आयकर दाता नहीं होना चाहिए। यदि प्रशासन को प्रत्येक जिले के लिए आवंटित कोटा से अधिक आवेदन प्राप्त होते हैं, तो लाभार्थियों का चयन लॉटरी प्रणाली के माध्यम से किया जाएगा।
वायुयान में 33 सीटे उपलब्ध रहेगी। इन सीटों में 32 पर तीर्थ यात्री और एक एस्कार्ट के रूप में शासकीय अधिकारी को भेजा जाएगा। साथ ही आईआरसीटीसी की तरफ से एक टूर मैनेजर भी यात्रा करेगा। यात्री अपने साथ अधिकतम 15 किग्रा वजन के चेन इन बैग एक नग और 7 किग्रा वजन वाले हैंड बैग 115 सेंमी लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई वाला ले जा सकेंगे।
यात्रियों का चयन:
मध्यप्रदेश सरकार की तरफ से इस यात्रा की जिम्मेदारी जिले के कलेक्टर को सौंपी गई है। कलेक्टर एक परिवार से केवल एक सदस्य का ही चुनाव करेंगे। अगर किसी घर में पति – पत्नी है तो केवल एक लोग को ही इसका लाभ मिलेगा। कलेक्टर के द्वारा चयन प्रक्रिया के पूर्ण होने के बाद इसकी एक सूची आईआरसीटीसी को दी जाएगी। इस तीर्थ यात्रा में शामिल बुजुर्ग लोगों को सरकार की तरफ से ही खाने , पीने, रहने की सुविधा दी जाएगी। लेकिन यह सभी चीजें एयरपोर्ट के बाहर ही उपलब्ध होंगी।
मध्यप्रदेश सरकारी योजना हेतु रजिस्ट्रेशन:
इस यात्रा का लाभ लेने वाले मध्य प्रदेश के बुजुर्ग लोग अपने जनपद कार्यालय, नगर निकाय के कार्यालय, तहसील या फिर जिले के कलेक्टर के द्वारा बनाई गई जगह पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। अगर जिले में यात्रियों की संख्या में वृद्धि हो रही है तो इसका पंजीकरण ऑनलाइन तरीके से किया जाएगा।
रजिस्ट्रेशन के बाद यात्रा से 15 दिन पहले उनके सभी चीजों का टिकट बुक करके मिल जाएगा। यात्री 15 किलो तक का बैग साथ ही सात किलो का हैंडी बैग अपने साथ ले जा सकते हैं। अगर इससे ज्यादा वजन का सामान हुआ तो यात्रियों को इसका पैसा खुद से भरना पड़ेगा। एक फ्लाइट में 33 सीटें निर्धारित की गई है जिसमें से 32 यात्रियों के लिए होंगी वहीं 1 सीट पर जिले से जुड़ा कोई अधिकारी बैठ सकता है।
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