ओल्ड पेंशन योजना के माध्यम से मोदी सरकार ने कर्मचारियों के एक चुनिंदा समूह को पुरानी पेंशन योजना चुनने का एक मौका दिया है। कार्मिक मंत्रालय ने इस संबंध में एक आदेश जारी किया है।
ओल्ड पेंशन योजना का लाभ कौन ले सकता है :
केंद्र की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, पुरानी पेंशन योजना का विकल्प वही कर्मचारी चुन सकते हैं जिन्होंने नेशनल पेंशन सिस्टम को अधिसूचित किए जाने की तारीख 22 दिसंबर, 2003 से पहले विज्ञापित या अधिसूचित पदों पर नौकरी पाई है। ये कर्मचारी केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 OPS में शामिल होने के योग्य हैं। जिन्होंने 22 दिसंबर 2003 के बाद निकली भर्ती पर सरकारी नौकरी पाई है तो उन्हें पुरानी पेंशन स्कीम का फायदा नहीं मिलेगा। 2003 के पहले केंद्र सरकार के अधिकतर कर्मचारी पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ ले रहे थे। नवोदय विद्यालय जैसे कुछ संस्थानों में पुरानी पेंशन स्कीम लागू नहीं थी। ऐसे में इस फैसले का फायदा नवोदय जैसे संस्थानों में 2003 के पहले ज्वाइन करने वाले कर्मचारियों को होगा, जो पहले से ही नई पेंशन स्कीम के अंतर्गत थे।
ओल्ड पेंशन योजना हेतु आवेदन करने की तिथि 31 अगस्त :
पुरनी पेंशन योजना का लाभ उठाने के लिए केंद्रीय कर्मचारी 31 अगस्त 2023 तक इस ऑप्शन का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस संबंध में विभिन्न अभ्यावेदन और अदालती फैसलों के बाद यह कदम उठाया गया है।
एक बार चुना गया विकल्प अंतिम होगा :
वे सरकारी कर्मचारी जो इस विकल्प का उपयोग करने के लिए योग्य हैं, लेकिन निर्धारित तिथि तक इस विकल्प का प्रयोग नहीं कर पाते हैं तो उन्हें राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली द्वारा कवर किया जाना जारी रहेगा। आदेश में कहा गया है कि एक बार चुना गया विकल्प अंतिम विकल्प होगा। यदि सरकारी कर्मचारी केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 के तहत कवरेज की शर्तों को पूरा करता है, तो इस संबंध में आवश्यक आदेश 31 अक्तूबर, 2023 तक जारी किया जाएगा
ओल्ड पेंशन योजना का फैसला होगा मान्य :
केंद्रीय एवं राज्य सरकार के कर्मचारियों की संस्था नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन योजना ने सरकार के फैसले का स्वागत किया है। एनएमओपीएस की दिल्ली इकाई के प्रमुख मंजीत सिंह पटेल ने कहा कि केंद्र सरकार के पात्र कर्मचारियों के लिए यह एक अच्छी खबर है। हम केंद्र सरकार से एक बार फिर मौजूदा नयी पेंशन योजना में संशोधन करने का अनुरोध करते हैं ताकि केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिल सके।इसके अलावा विभिन्न उच्च न्यायालयों और केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण ने भी ऐसे कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने का आदेश दिया है। 14 लाख से अधिक केंद्रीय एवं राज्य सरकार के कर्मचारियों की संस्था नेशनल मूवमेंट फार ओल्ड पेंशन स्कीम (एनएमओपीएस) ने सरकार के फैसले का स्वागत किया है।
ओल्ड पेंशन योजना में विवाद :
नई पेंशन स्कीम का लगातार विरोध होता रहा है। नेशनल पेंशन स्कीम देश भर के लगभग 27 राज्यों में लागू है। वेस्ट बंगाल में पुरानी पेंशन स्कीम चल रही है। इसमें विवाद की शुरुआत तब हुई, जब सांसदों और विधायकों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम का प्रावधान रखा गया, वहीं सरकारी कर्मचारियों को 60 साल सरकारी सेवा में बिताने के बावजूद एनपीएस के अधीन रखा गया।
पहले रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित पेंशन देती थी सरकार :
ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत सरकार साल 2004 से पहले कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित पेंशन देती थी। यह पेंशन कर्मचारी के रिटायरमेंट के समय उनके वेतन पर आधारित होती थी। इस योजना में रिटायर हुए कर्मचारी की मौत के बाद उनके परिजनों को भी पेंशन दी जाती थी। केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल 2004 को पुरानी पेंशन योजना को बंद कर दिया था। साल 2004 में पुरानी पेंशन योजना को खत्म करके उसके बदले राष्ट्रीय पेंशन योजना शुरू की गई थी।