नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट
पोस्ट ऑफिस की इस योजना में 1000 रुपए से निवेश शुरू किया जा सकता है। इसके बाद आप 100 रुपए के मल्टीपल यानी 1100, 1800, 2300 या 15100 रुपए में निवेश कर सकते हैं। इसकी कोई मैक्सिमम लिमिट नहीं है। इस योजना में आपका पैसा FD की तरह कम्पाउंड होता है। इसे मैच्योरिटी के समय एक साथ दिया जाता है। NSC स्कीम में बच्चों के नाम से भी अकाउंट ओपन कराने की सुविधा दी जाती है। नियम के तहत 10 साल से कम उम्र के बच्चे के नाम से खुले अकाउंट को उसके माता-पिता ऑपरेट करते हैं, जबकि 10 साल की उम्र पूरी होने पर कंट्रोल खुल बच्चा कर सकता है।
मिलता है शानदार ब्याज
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट अपने रिटर्न और बेनेफिट्स के कारण पोस्ट ऑफिस की सबसे लोकप्रिय स्माल सेविंग योजनाओं में शामिल है। यही कारण है कि इसमें निवेश करने वालों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है। इस योजना का खाता खुलवाने वाले निवेशक को 7.7% की दर से शानदार ब्याज दिया जाता है। योजना के तहत ये ब्याज दर कंपाउंडिंग के आधार पर ऑफर की जाती है। इसमें ब्याज की रकम 5 साल के निवेश के बाद ही खाते में ट्रांसफर की जाती है।
5 साल तक करना होगा निवेश
अगर आपको ऑफर किए जा रहे ब्याज का पूरा फायदा लेना है, तो फिर इस पोस्ट ऑफिस योजना में अपने निवेश को लॉक-इन-पीरियड तक चालू रखना होगा, तभी आपको पूरे ब्याज का भुगतान किया जाएगा। NSC में 5 वर्ष का लॉक-इन पीरियड तय किया गया है। यदि आप अपने खाते को एक साल चलाने के बाद बंद कर देते हैं, तो फिर आपको सिर्फ आपके द्वारा इन्वेस्ट की गई रकम लौटाई जाएगी, ब्याज का एक भी पैसा नहीं मिलेगा।
मिलते हैं ये भी लाभ
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट में आप जो भी पैसा निवेश करते हैं, उसके ऊपर पोस्ट ऑफिस 7.7% का ब्याज रिटर्न ऑफर करता है। साथ ही इस योजना में निवेश का दूसरा बड़ा फायदा ये है कि इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80C के तहत निवेश की रकम पर टैक्स छूट का लाभ भी दिया जाता है। NSC में निवेश करते हुए आप टैक्स छूट क्लेम करते हुए एक फाइनेंशइयल ईयर में अधिकतम 1.5 लाख रुपए पर टैक्स बचा सकता है।
ऐसे खोलें खाता
इस सरकारी योजना में केवल 1000 रुपए के मिनिमम डिपॉजिट के साथ अकाउंट ओपन करा सकते हैं। NSC को किसी भी भारतीय डाकघर से खरीदा जा सकता है। NSC को सभी बैंकों और NBFC द्वारा लोन के लिए कोलैटरल या सिक्योरिटी के रूप में स्वीकार किया जाता है। निवेशक अपने परिवार के किसी भी सदस्य को नॉमिनी बना सकता है। NSC को जारी होने से लेकर मैच्योरिटी डेट के बीच एक बार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के नाम पर ट्रांसफर किया जा सकता है। इसके अलावा इसमें ऑनलाइन निवेश की सुविधा भी दी जाती है।