भारत अमेरिका के बीच आर्टेमिस एवं रक्षा समझौता
भारत बनेगा सुपर पावर
भारत में जीई-414 जेट इंजन का निर्माण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने अमेरिका के दौरे पर जनरल इलेक्ट्रिक के अध्यक्ष एच लॉरेंस कल्प जूनियर से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद जेट इंजन को लेकर इस ऐतिहासिक समझौते की घोषणा हुई।
एयरोस्पेस के मुताबिक अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के बीच समझौता हो गया है। इस समझौते के बाद जेई एयरोस्पेस और एचएएल एक साथ मिलकर भारतीय वायु सेना के लिए जेट इंजन बनाएगी। जेई के एफ 414 इंजन के निर्माण का लाइसेंस भारत को दे दिया गया है।
M-777 लाइट होवित्जर अपग्रेड का ऑफर
भारत के पास इस वक्त M-777 लाइट होवित्जर तोप हैं जो लद्दाख से लेकर अरुणाचल तक के पहाड़ी इलाकों में चीन का मुकाबला करने के लिए तैनात हैं। मोदी के अमेरिकी दौरे में अमेरिका ने इसे अपग्रेड कर इसकी रेंज बढ़ाने का ऑफर दिया है। इससे इस तोप की मारक क्षमता बढ़ जाएगी।
स्ट्राइकर बख्तरबंद वाहन का साझा उत्पादन
दुनिया की सबसे ताकतवर बख्तरबंद गाड़ियां स्ट्राइकर बख्तरबंद वाहन हैं। अपने मोबाइल गन सिस्टम से, 105 एमएम की तोप और एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल से लैस वाहन टैंकों को भी तबाह करने की ताकत रखता है। अमेरिका ने अपने सबसे शक्तिशाली स्ट्राइकर वाहन को भारत के साथ मिलकर बनाने का ऑफर दिया है।
प्रीडेटर ड्रोन भारत को ट्रांसफर
अमेरिका के राष्ट्रपति जो. बाइडेन के साथ पीएम मोदी ने ज्वाइंट स्टेटमेंट जारी कर दिया है। इसमें अमेरिका के घातक MQ-9B प्रिडेटर ड्रोन्स शामिल हैं, जिन पर तीन अरब डॉलर का समझौता हो गया है। MQB-9B के दो वेरिएंट हैं। पहला स्काई गार्जियन और दूसरा सी गार्जियन।भारत के रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 15 जून 2023 को इन प्रीडेटर ड्रोन्स को खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस प्रस्ताव के तहत भारत 30 MQ-9B प्रिडेटर ड्रोन्स खरीदेगा। तीनों सेनाओ को 10 ड्रोन्स मिल सकते हैं।
यह बेहद खतरनाक ड्रोन 1200 किलोमीटर तक मार करने की क्षमता रखता हैै। भारत को अपनी लंबी समुद्री सीमा और थल सीमा की निगरानी के लिए भी इस ड्रोन की खास जरूरत थी। रक्षा मंत्रालय ने अमेरिका से अमेरिकी प्रीडेटर ड्रोन 31 MQ-9B को खरीदने की इजाजत दे दी है। पीएम मोदी प्रीडेटर ड्रोन को खरीदने के लिए 3 बिलियन डॉलर की इस डील का ऐलान कर चुके हैं।
अमेरिका के दूर तक मार करने वाले बम-मिसाइल का निर्माण
भारत चाहता है कि वो हवा से हवा में मार करने वाले अमेरिकी मिसाइल और लंबी रेंज वाले आर्टिलरी बम का निर्माण भी अपने देश में करें । ये समझौता भी पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे के दौरान हो गया है।
सेमीकंडक्टर संयंत्र स्थापित होगा
अमेरिका भारत में दो नए वाणिज्य दूतावास खोलेगा
अमेरिका, बेंगलुरु और अहमदाबाद में दो नए वाणिज्य दूतावास खोलेगा। भारत की राजधानी में अमेरिका का दूतावास दुनिया के सबसे बड़े अमेरिकी राजनयिक मिशनों में से एक है। यह दूतावास मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और हैदराबाद में चार वाणिज्य दूतावासों की गतिविधियों का समन्वय करता है और सुनिश्चित करता है कि पूरे देश में अमेरिका-भारत संबंध मजबूत हों।
इंडस-एक्स का मकसद
मोदी के अमेरिका यात्रा के दौरान द्विपक्षीय वार्ता समाप्त होने के बाद जारी संयुक्त बयान में व्यापार, अंतरिक्ष, उच्च शिक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, हुआवेई का मुकाबला करने के लिए 5जी/6जी के लिए ओपन रेडियो एक्सेस नेटवर्क का रोलआउट, और वर्क वीजा सहित सभी पहलुओं को शामिल किए जाने की उम्मीद है।
जिसका मकसद निजी क्षेत्र और स्टार्टअप्स को एक साथ लाना है। इंडस-एक्स का मकसद अत्याधुनिक रक्षा तकनीकों को विकसित करने के लिए अनुसंधान के क्षेत्र में दो प्रणालियों को जोड़ना है। यदि निर्यात नियंत्रणों को युक्तिसंगत बनाने के बाद स्थितियों में बदलाव आता है, तो उसका भी वही फायदा होगा जो मुक्त व्यापार समझौते से हुआ है।