बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 7 नवंबर 2023 को बिहार में आरक्षण बढ़ाने का ऐलान किया था। इस संबंध में बिहार में आरक्षण की सीमा को 60% से बढ़ाकर 75% करने का प्रस्ताव दिया गया था। इसके तुरंत बाद ही नीतीश कैबिनेट ने इस पर मुहर लगाकर 21 नवंबर 2023 को इसे दोनों सदनों में पास करा लिया था। बिहार में आरक्षण के तहत अत्यंत पिछड़ा वर्ग को पहले 18% आरक्षण मिलता था जो अब 25% हो जाएगा। पिछड़ा वर्ग को पहले 12% मिलता था लेकिन अब 18% आरक्षण मिलेगा। अनुसूचित जाति को 16% के बदले अब 20% और अनुसूचित जनजाति को 1% के बदले अब 2% आरक्षण मिलेगा। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग ईडब्ल्यूएस को पहले की तरह 10% आरक्षण मिलता रहेगा।
बिहार आरक्षण बिल
बिहार की जनसंख्या 13 करोड़ से ज्यादा
नए जातिय जनगणना के अनुसार बिहार में कुल आबादी 13 करोड़ से ज्यादा है। इनमें 27% अन्य पिछड़ा वर्ग और 36% अत्यंत पिछड़ा वर्ग है। यानी ओबीसी की कुल आबादी 63% है। अनुसूचित जाति की आबादी 19% और जनजाति 1.68% है। और सामान्य वर्ग 15.52% है।
आरक्षण बिल में बदलाव की जरूरत
- सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक पहलुओं में न्याय की व्यवस्था करना।
- स्थिति और अवसर में समानता देने का प्रयास किया जाना।
- आय, स्थिति, सुविधा और अवसरों में असमानता को कम करना।
- एससी, एसटी वर्ग एवं अन्य कमजोर वर्ग की ओर शैक्षिक एवं आर्थिक हितों को बढ़ावा देना।
राज्य सरकार का विशेष अधिकार
अब नई नीति लागू होगी। जिसे बिहार सरकार ने लागू किया है तो उसमें कोई अड़चन नहीं आ सकती है। किसी भी राज्य सरकार का यह विशेष अधिकार है कि वह अपना कानून खुद बना सकता है और आरक्षण कानून बिहार सरकार ने सदन में बनाया है। दोनों सदनों से पास हो गया है। राज्यपाल के सिग्नेचर के बाद यह आरक्षण बिल लागू हो गया है।कानूनी विशेषज्ञ के अनुसार इसमें केंद्र सरकार हस्तक्षेप नहीं कर सकती है क्योंकि यह सिर्फ बिहार के लिए है, लेकिन इस पर अड़चन उस वक्त आ सकती है जब कोई व्यक्ति इस आरक्षण के खिलाफ हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में जाएगा। क्योंकि कोर्ट में जाने के बाद कोर्ट इसकी मंजूरी कभी नहीं देगा। सुप्रीम कोर्ट 50% से अधिक आरक्षण की मंजूरी नहीं देता है।
बिहार में अब 75% आरक्षण
बिहार में अब तक आरक्षण की सीमा 50% ही थी। ईडब्ल्यूएस को 10% आरक्षण इससे अलग मिलता था। अब नीतीश सरकार का प्रस्ताव पास होने के बाद आरक्षण बिहार कैबिनेट ने जाति आधारित आरक्षण अब 50% से बढ़ाकर 65% करने को मंजूरी दे दी है। अब तक पिछड़ा, अति पिछड़ा वर्ग को 30% आरक्षण मिल रहा था, लेकिन नई मंजूरी मिलने पर 43 % आरक्षण का लाभ मिलेगा। इसी तरह, पहले अनुसूचित जाति वर्ग को 16% आरक्षण था, अब 20% मिलेगा। अनुसूचित जनजाति वर्ग को 1% आरक्षण था, अब 2% आरक्षण का लाभ मिलेगा। इसके अलावा, केंद्र सरकार द्वारा दिया गया आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य गरीब वर्ग का 10% आरक्षण मिलाकर इसको 75% करने का प्रस्ताव है।