जानिए कौन हैं ड्रोन दीदी?
उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में रहने वाली सुनीता देवी ड्रोन दीदी के नाम से मशहूर हैं। वो खेतों में ड्रोन के माध्यम से छिड़काव करती हैं। आसपास के कई किसान अपने खेतों में छिड़काव करने के लिए उनकी मदद लेते हैं। वो टेक्नलॉजी के बेहतर प्रयोग से देशभर में अपनी अलग पहचान बना चुकी हैं। उन्होंने फूलपुर इफको कंपनी में ड्रोन की ट्रेनिंग ली थी। बाद में इलाहाबाद में ट्रेनिंग मिली। इससे पहले उन्होंने सीतापुर के कृषि विज्ञान केंद्र पर ड्रोन देखा था।
ड्रोन से फायदे
बारिश के मौसम में किसानों को खेत में जाने में दिक्कत होती है। ऐसे में ड्रोन काफी काम आ सकता है। हम खेत के किनारे खड़े होकर अपने ड्रोन से काम करा सकते हैं। ड्रोन खेत के अंदर घुसकर कीड़ा मकोड़ो को हटा सकता है। खेत की निगरानी रख सकता है। ड्रोन की मदद से खेत में खाद डालना भी आसान हो गया है। ड्रोन की मदद से किसानों का समय भी बचता है।
नमो ड्रोन दीदी योजना
नमो ड्रोन दीदी योजना की शुरुआत महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने और कृषि क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने के लिए की गई थी। फरवरी 2024 के अंतरिम बजट में भी सरकार ने इस योजना के लिए 500 करोड़ रुपए का आवंटन किया है। इस योजना के तहत महिलाओं को ड्रोन उड़ाने, डेटा विश्लेषण और ड्रोन के रखरखाव के बारे में ट्रेनिंग दी जाएगी। उन्हें ड्रोन का इस्तेमाल करके अलग-अलग कृषि कार्यों के लिए भी प्रशिक्षित किया जाएगा। इनमें फसलों की निगरानी, कीटनाशकों और उर्वरकों का छिड़काव और बीज बुआई शामिल है।
ड्रोन दीदी योजना के लाभ
यह योजना महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाएगी। इससे कृषि क्षेत्र में उत्पादकता और दक्षता में बढ़ोतरी होने के आसार हैं। यह योजना कृषि में लगने वाली लागत में भी कमी ला सकती है और इससे रोजगार के मौके भी बढ़ेंगे। नमो ड्रोन दीदी योजना भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है। इसके साथ ही ड्रोन दीदी योजना के तहत वर्ष 2024 में महिला ड्रोन पायलट को वेतन के रूप में प्रति माह 15000 रुपए देने का प्रावधान है।