चैट जीपीटी: साईबर अपराधियों का काम कर रहा आसान, बढ़े धोखाधड़ी के मामले-
The Indian Iris
April 24, 2023
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साइबर धोखाधड़ी आज के समय में अधिक बढ़ गई है। लोगों की पर्सनल जानकारियां भी लीक हो जाती हैं। इतना ही नहीं ये जानकारियां कौडिंयों के भाव बेची व खरीदी जा रही है।
सी. आई. डी. यानी अपराध जांच विभाग ने इसके बारे में जानकारी देते हुए बताया है कि चैट जीपीटी के शुरू होने के बाद से लोगों ने इसे अपने लिए मददगार के रूप में इसका उपयोग किया, लेकिन अब इसका दुरुपयोग होने लगा है। साईबर अपराधी अब इसका गलत उपयोग कर रहे हैं।
यह साईबर अपराधियों का काम आसान कर साईबर अपराध को बढ़ा रहा है। पिछले साल जनवरी 2022 से 1 फरवरी के बीच सी. आई. डी. को फर्जी ई मेल को लेकर 938 शिकायतें मिली हैं।
चैट जीपीटी क्या है?
चैटजीपीटी, OpenAI द्वारा बनाया गया एक AI चैट बॉट है, जिसकी मदद से लाखों वेबसाइटों पर उपलब्ध जानकारियों और डाटा को संशोधित कर और उसे एक आसान भाषा में बदलकर यूजर्स के लिए उपलब्ध कराया जा सकता है। चैट जीपीटी को पिछली साल नवंबर में पेश किया गया था। इसके बाद से ही यह चर्चा का विषय बना हुआ है।
साइबर अपराधियों के लिए, नई साइबर अपराध तकनीकों को विकसित करते समय चैट जीपीटी “ब्रह्मास्त्र” हो सकता है, फ़िशिंग तकनीकों के माध्यम से व्यक्तियों को निशाना बनाने के लिए हथियार बन सकता है।
साइबर अपराध में हो रहा इसका उपयोग
पिछले छह महीने से एआई टूल चैट जीपीटी ने पूरी दुनिया को दीवाना बना लिया है। अब साइबर अपराध के लिए भी चैट जीपीटी का उपयोग होने लगा है। साइबर सिक्योरिटी फर्म CloudSEK की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चैट जीपीटी का इस्तेमाल अब साइबर चोर भी करने लगे हैं। चैट जीपीटी की मदद से ये साइबर चोर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मैलवेयर फैला रहे हैं और फेसबुक अकाउंट को हैक कर रहे हैं।
फिशिंग एक तरह की ऑनलाइन धोखाधड़ी है जिसमें भरोसेमंद सोर्स का बहाना बनाकर लोगों को पासवर्ड या क्रेडिट कार्ड नंबर जैसी संवेदनशील जानकारी हासिल की जाती है और फिर बैंक से पैसे निकाल लिए जाते हैं। फिशिंग ईमेल, सोशल मीडिया और अन्य वेबसाइट्स के जरिये की जाती है।
चैट जीपीटी जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल्स की मदद से हैकर्स को काफी आसानी हुई है। चैट जीपीटी ने फिशिंग के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। अपराधियों के लिए प्रवेश की तकनीकी बाधाओं को कम किया है और उनका समय और संसाधन बचाया है।
मालवेयर फैलाने में किया जा रहा इस्तेमाल
चैट जीपीटी साइबर अपराधियों के लिए एक उपकरण बन गया है, जो धोखाधड़ी गतिविधियों को सुविधाजनक बनाती है, जिसका पता लगाना और रोकना मुश्किल हो सकता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि साइबर अपराधी फ़िशिंग घोटाले बनाने के लिए चैट इस का उपयोग कर रहे हैं और संवेदनशील जानकारी, जैसे लॉगिन क्रेडेंशियल, वित्तीय डेटा या व्यक्तिगत विवरण चोरी करने के लिए व्यक्तियों या संगठनों को प्रतिरूपित कर रहे हैं।
चैट जीपीटी-संचालित बॉट्स का उपयोग बड़े पैमाने पर स्पैम अभियानों में संलग्न होने या पीड़ितों के उपकरणों और नेटवर्क से समझौता करने वाले मैलवेयर फैलाने के लिए भी किया जा सकता है।
ऐसे कर सकतें हैं सुरक्षा
साइबर अपराध से निपटने के लिए, विभिन्न शहरों के सी.आई.डी. ने साइबर अपराध के कक्ष खोले है। जहां किसी भी साइबर सेल पर शिकायत दर्ज की जा सकती है।
साथ ही किसी भी अपरिचित साईट पर अपनी पर्सनल जानकारी न भेजें और न ही किसी भी ऐसी लिंक को क्लिक करें। ऑनलाइन ट्रांजैक्शन तभी करना चाहिए, जब बहुत ही आवश्यक है। साथ ही इस बात की भी जानकारी रखनी चाहिए कि जिस साइट का हम उपयोग कर रहे हैं व कितना अथेंटिक है।
artificial intelligence chatgpt Cyber crime 2023-04-24