Breaking News
Home / Initiatives / States / Central India / सीएए: सीएए क्या है? इसके लागू होने से किसको फायदा होगा और किसको नुकसान-

सीएए: सीएए क्या है? इसके लागू होने से किसको फायदा होगा और किसको नुकसान-

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को सरकार ने पूरे देश में लागू कर दिया है। बीजेपी सरकार का ये कदम काफी अहम माना जा रहा है। ये वही कानून है, जिसे लेकर कुछ साल पहले देशभर में कई प्रदर्शन हुए थे।अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई अवैध प्रवासियों को नागरिकता हेतु पात्र बनाने के लिए नागरिकता अधिनियम वर्ष 1955 में संशोधन किया गया है। नागरिकता संशोधन विधेयक 9 दिसंबर 2019 को लोकसभा में प्रस्तावित किया गया था। इसके बाद 11 दिसंबर 2019 को यह विधेयक राज्यसभा से पारित हुआ था। नए कानून से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों से संबंधित अल्पसंख्यक नागरिक भारतीय नागरिक बन सकेंगे।

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए)

इस अधिनियम में देशों के आधार पर नागरिकता का प्रावधान किया गया है। आवेदक को पिछले 12 महीनों के दौरान और पिछले 14 वर्षों में से आखिरी साल 11 महीने भारत में रहना चाहिए। कानून में छह धर्मों हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई और तीन देशों अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से संबंधित व्यक्तियों के लिए 11 वर्ष की जगह छह वर्ष तक का समय है। कानून में यह भी प्रावधान है कि यदि किसी नियम का उल्लंघन किया जाता है तो ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्डधारकों का पंजीकरण रद्द किया जा सकता है।

किन्हें मिलेगी नागरिकता?

हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोग सीएए के तहत नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। ऐसे ही तमाम शरणार्थियों के लिए नागरिकता कानून लाया गया। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए लोगों को नागरिकता दी जाएगी। भारत में पांच साल से ज्यादा वक्त से रहने वाले लोग इसमें आवेदन कर सकते हैं।

सीएए कानून के कार्य

ये कानून लोगों को खुद नागरिकता नहीं देता, बस उन्हें इसके आवेदन के लिए योग्य बनाता है। लोगों को ये दिखाना होगा कि वो भारत में पांच साल रह चुके हैं, ये साबित करना होगा कि वो भारत में 31 दिसंबर 2014 से पहले आए हैं। ये साबित करना होगा कि वो अपने देशों से धार्मिक उत्पीड़न के कारण भागकर अपने देशों से आए हैं। वो उन भाषाओं को बोलते हैं जो संविधान की आठवीं अनुसूची में है और नागरिक कानून 1955 की तीसरी सूची की अनिवार्यताओं को पूरा करते हों। इसी के जरिए वो आवेदन के पात्र होंगे। उसके बाद ये भारत सरकार पर होगा कि वो उन्हें नागरिकता दे या नहीं।

सीएए कानून की खास बातें 

नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 भारत के तीन पड़ोसी देशों से धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आए शरणार्थियों को भारत की नागरिकता का अधिकार देने का कानून है। नागरिकता संशोधन कानून के सन्दर्भ में कई गलतफहमियां फैली थीं। नागरिकता अधिनियम 1955 यह बताता है कि कौन भारतीय नागरिकता प्राप्त कर सकता है और किस आधार पर। कोई भी व्यक्ति भारतीय नागरिक बन सकता है यदि उसका जन्म भारत में हुआ हो या उसके माता-पिता भारतीय हों या कुछ समय से देश में रह रहे हों, आदि। हालांकि, अवैध प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्राप्त करने से प्रतिबंधित किया गया है। ये अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई हैं, जो 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत आए थे। इसका मतलब यह है कि अवैध प्रवासियों के इन समूहों को निर्वासित नहीं किया जाएगा।

नागरिकता के लिए आवश्यक शर्तें 

सीएए कानून के तहत नागरिकता लेने के लिए कुछ जरूरी शर्तें भी रहेंगी। जो निम्न प्रकार हैं।

  • भारतीय नागरिकता पाने के इच्छुक लोगों को आवेदन करने की तारीख से पहले देश में कम से कम 12 महीने तक रहना अनिवार्य है।
  • इन 12 महीनों से ठीक पहले के आठ वर्षों के दौरान भी आवेदकों द्वारा देश में कम से कम छह साल बिताया गया हो।
  • आवेदकों को यह घोषणा पत्र भी देना होगा कि वे मौजूदा नागरिकता को अपरिवर्तनीय रूप से त्याग रहे हैं और वे भारत को स्थाई घर बनाना चाहते हैं।
  • नागरिकता चाहने वालों को आवेदन में दिए गए बयानों की सत्यता की पुष्टि करने वाला एक हलफनामा जमा करना होगा‌।
  • साथ ही आवेदक के चरित्र की गवाही देने वाले एक भारतीय नागरिक का हलफनामा भी जमा करना होगा।
  • आवेदक को एक घोषणा पत्र भी प्रस्तुत करना होगा कि उसे संविधान की आठवीं अनुसूची में निर्दिष्ट भाषाओं में से एक का पर्याप्त ज्ञान है।
  • सभी स्वीकृत आवेदकों को निष्ठा की शपथ लेनी होगी कि वे भारत के एक नागरिक के रूप में कानून द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची आस्था और निष्ठा रखेंगे और वे ईमानदारी से भारत के कानूनों का पालन करेंगे और अपने कर्तव्यों को पूरा करेंगे।

सभी को दिखाने होंगे कागज

भारत में रहने वाले लोगों पर इस कानून का कोई भी असर नहीं पड़ने वाला है। ये कानून सिर्फ उन लोगों के लिए है, जो दूसरे देशों से भारत आए हैं और नागरिकता की गुहार लगा रहे हैं‌। भारत में रहने वाले लोगों को संविधान के तहत नागरिकता का अधिकार है। कागज दिखाने का तर्क देने वालों का ये कहना है कि सीएए के साथ ही नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस को भी सरकार की तरफ से लाया जाएगा, जिसमें उन लोगों को परेशानी होगी जिनके पास उचित दस्तावेज नहीं होंगे। दावा किया जा रहा है कि सरकार जो दस्तावेज मांग रही है, वो सभी लोगों के पास उपलब्ध नहीं होंगे। ऐसे में लाखों लोगों पर नागरिकता खोने का खतरा होगा।

आवश्यक दस्तावेज

भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए ऑनलाइन फॉर्म में शेड्यूल- 1A के तहत 9 तरह के दस्तावेज मांगे गए हैं। जबकि शेड्यूल-1B के तहत 20 तरह के दस्तावेज और शेड्यूल- 1C के तहत शपथ पत्र यानी एफिडेविट देना होगा। सबसे पहले यह बताना होगा कि वे इन तीनों देशों के गैर मुस्लिम शरणार्थी हैं, यानी वहां के निवासी हैं। इसके लिए वहां के पासपोर्ट, जन्म प्रमाण पत्र, शैक्षणिक प्रमाण पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, जमीन से जुड़े दस्तावेज दिखाने होंगे। आवेदक भारत सरकार की तरफ से जारी आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, पैन कार्ड, जमीनी दस्तावेज, बिजली और पानी बिल, विवाह प्रमाण पत्र आदि दिखाकर भी नागरिकता के लिए आवेदन किया जा सकता है।

नागरिकता के लिए आवेदन प्रक्रिया

सीएए में नागरिकता को लेकर पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन आयोजित की जाएगी। होम मिनिस्ट्री ने आवेदकों की सुविधा के लिए एक पोर्टल तैयार किया है। जिसमें आवेदन करने वालों को ये बताना होगा कि आखिर उन्होंने बिना पूरे दस्तावेजों के भारत में कब प्रवेश किया। उन्हें इसकी पूरी जानकारी देनी होगी। हालांकि, इस दौरान आवेदकों से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा।

निष्कर्ष  – नागरिकता संशोधन कानून (सीएए)

हमने आपको देश में लागू हुए सीएए के बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान की है। उम्मीद करते हैं, सभी जानकारी रोचक लगी होगी। कैसी लगी आपको हमारी आज की पोस्ट, आप हमें Comment box में बताना ना भूलें। यदि आपको हमारी पोस्ट पसंद आती है तो इस पोस्ट से मिलने वाली जानकारी अपने दोस्तों के साथ Facebook, Instagram, twitter, what’s app पर ज़रुर शेयर करें। ताकि उन्हें भी यह महत्वपूर्ण जानकारी मिल सके और वे भी इसका लाभ उठा सकें।

इसे भी पढ़ें:- इलेक्टोरल बॉन्ड: सुप्रीम कोर्ट ने इस वजह से रद्द किया इलेक्टोरल बान्ड, जाने डिटेल

About The Indian Iris

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *