नागरिकता संशोधन कानून (सीएए)
किन्हें मिलेगी नागरिकता?
हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोग सीएए के तहत नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। ऐसे ही तमाम शरणार्थियों के लिए नागरिकता कानून लाया गया। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए लोगों को नागरिकता दी जाएगी। भारत में पांच साल से ज्यादा वक्त से रहने वाले लोग इसमें आवेदन कर सकते हैं।
सीएए कानून के कार्य
सीएए कानून की खास बातें
नागरिकता के लिए आवश्यक शर्तें
सीएए कानून के तहत नागरिकता लेने के लिए कुछ जरूरी शर्तें भी रहेंगी। जो निम्न प्रकार हैं।
- भारतीय नागरिकता पाने के इच्छुक लोगों को आवेदन करने की तारीख से पहले देश में कम से कम 12 महीने तक रहना अनिवार्य है।
- इन 12 महीनों से ठीक पहले के आठ वर्षों के दौरान भी आवेदकों द्वारा देश में कम से कम छह साल बिताया गया हो।
- आवेदकों को यह घोषणा पत्र भी देना होगा कि वे मौजूदा नागरिकता को अपरिवर्तनीय रूप से त्याग रहे हैं और वे भारत को स्थाई घर बनाना चाहते हैं।
- नागरिकता चाहने वालों को आवेदन में दिए गए बयानों की सत्यता की पुष्टि करने वाला एक हलफनामा जमा करना होगा।
- साथ ही आवेदक के चरित्र की गवाही देने वाले एक भारतीय नागरिक का हलफनामा भी जमा करना होगा।
- आवेदक को एक घोषणा पत्र भी प्रस्तुत करना होगा कि उसे संविधान की आठवीं अनुसूची में निर्दिष्ट भाषाओं में से एक का पर्याप्त ज्ञान है।
- सभी स्वीकृत आवेदकों को निष्ठा की शपथ लेनी होगी कि वे भारत के एक नागरिक के रूप में कानून द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची आस्था और निष्ठा रखेंगे और वे ईमानदारी से भारत के कानूनों का पालन करेंगे और अपने कर्तव्यों को पूरा करेंगे।
सभी को दिखाने होंगे कागज
भारत में रहने वाले लोगों पर इस कानून का कोई भी असर नहीं पड़ने वाला है। ये कानून सिर्फ उन लोगों के लिए है, जो दूसरे देशों से भारत आए हैं और नागरिकता की गुहार लगा रहे हैं। भारत में रहने वाले लोगों को संविधान के तहत नागरिकता का अधिकार है। कागज दिखाने का तर्क देने वालों का ये कहना है कि सीएए के साथ ही नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस को भी सरकार की तरफ से लाया जाएगा, जिसमें उन लोगों को परेशानी होगी जिनके पास उचित दस्तावेज नहीं होंगे। दावा किया जा रहा है कि सरकार जो दस्तावेज मांग रही है, वो सभी लोगों के पास उपलब्ध नहीं होंगे। ऐसे में लाखों लोगों पर नागरिकता खोने का खतरा होगा।
आवश्यक दस्तावेज
भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए ऑनलाइन फॉर्म में शेड्यूल- 1A के तहत 9 तरह के दस्तावेज मांगे गए हैं। जबकि शेड्यूल-1B के तहत 20 तरह के दस्तावेज और शेड्यूल- 1C के तहत शपथ पत्र यानी एफिडेविट देना होगा। सबसे पहले यह बताना होगा कि वे इन तीनों देशों के गैर मुस्लिम शरणार्थी हैं, यानी वहां के निवासी हैं। इसके लिए वहां के पासपोर्ट, जन्म प्रमाण पत्र, शैक्षणिक प्रमाण पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, जमीन से जुड़े दस्तावेज दिखाने होंगे। आवेदक भारत सरकार की तरफ से जारी आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, पैन कार्ड, जमीनी दस्तावेज, बिजली और पानी बिल, विवाह प्रमाण पत्र आदि दिखाकर भी नागरिकता के लिए आवेदन किया जा सकता है।
नागरिकता के लिए आवेदन प्रक्रिया
सीएए में नागरिकता को लेकर पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन आयोजित की जाएगी। होम मिनिस्ट्री ने आवेदकों की सुविधा के लिए एक पोर्टल तैयार किया है। जिसमें आवेदन करने वालों को ये बताना होगा कि आखिर उन्होंने बिना पूरे दस्तावेजों के भारत में कब प्रवेश किया। उन्हें इसकी पूरी जानकारी देनी होगी। हालांकि, इस दौरान आवेदकों से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा।