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G20 शिखर सम्मेलन: G20 शिखर सम्मेलन में कौन-कौन से होंगे मुद्दे, और कौन कौन होगा शामिल? जानिए इससे संबंधित पूरी जानकारी-

दिल्ली में प्रगति मैदान के स्टेट ऑफ आर्ट कंवेंशन कॉप्लेक्स में 9 और 10 सितंबर 2023 को G20 शिखर सम्मेलन का आयोजन होगा। विश्व पटल पर सफलता के नए आयाम गढ़ता भारत अगले महीने देश की राजधानी दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन का मेजबान बनने जा रहा है। भारत के लिए यह सम्मेलन बेहद अहम है, क्योंकि अगले साल उसे इसकी अध्यक्षता करनी है। G20 सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब दुनिया तमाम तरह की परेशानियों का सामना कर रही है। इसलिए सभी की निगाहें इस पर टिकी हुई हैं।

रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते दुनिया भर के तमाम देशों की अर्थव्यवस्थाएं प्रभावित हुई हैं। अमेरिका और ब्रिटेन में महंगाई ने सभी रिकॉर्ड तोड़ डालेे हैं। G20 प्रेसीडेंसी एक नियम के अनुसार हर साल बदलती रहती है। जिससे इसमें क्षेत्रीय संतुलन सुनिश्चित किया जा सके‌। G20 में स्थायी सचिवालय नहीं है। इसके बजाय, G20 अध्यक्ष अन्य सदस्यों के परामर्श से G20 का एजेंडा तय करने के लिए जिम्मेदार होता है। अतः G20 एक अनौपचारिक राजनीतिक मंच है।

भारत 1 दिसंबर 2023 को इंडोनेशिया से गृहण करेगा G20 की अध्यक्षता

भारत वसुधैव कुटुंबकम् यानी “एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य” की प्रेरणा के साथ अपनी अध्यक्षता में इस बैठक का आयोजन करने जा रहा है। इस बैठक के बाद भारत 1 दिसंबर 2023 को G20 देशों की अधिकारिक अध्यक्षता इंडोनेशिया से लेगा। भारत की G20 की अध्यक्षता पिछले 17 राष्ट्राध्यक्षों द्वारा हासिल किए गए महत्वपूर्ण मील के पत्थरों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

प्रत्येक वर्ष होने वाले शिखर सम्मेलन का स्थान बदलता रहता है। इस बार मेजबानी भारत को मिली है। G20 का कोई स्थायी सचिवालय नहीं है। इसलिए प्रत्येक शिखर सम्मेलन को पिछले, वर्तमान और भविष्य के राष्ट्राध्यक्ष के समर्थन से आयोजित किया जाएगा। इसके समूह को ट्रोइका कहा जाता है। इस बार ट्रोइका में इंडोनेशिया, भारत और ब्राजील हैं।

G20 क्या है?

वैश्विक मुद्दों पर विचार विमर्श करने और आम राय बनाने के लिए बहुत से इंटरनेशनल संगठन बनाये जाते हैं। इन्ही संगठनों में से एक है G20 समूह। इसमें “G” का मतलब ग्रुप से है। G20 समूह, कई अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग और कुछ अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों जैसे आतंकवाद, मानव तस्करी, ग्लोबल वार्मिंग आदि पर वैश्विक राय बनाने के लिए लिए मुख्य मंच है। G20 का गठन साल 1999 में हुआ था। इसको ग्रुप ऑफ ट्वेंटी भी कहा जाता है। यह यूरोपियन यूनियन और 19 देशों का एक अनौपचारिक समूह है। G20 शिखर सम्मेलन में इसके नेता हर साल जुटते हैं और वैश्विक अर्थव्यवस्था को बढ़ाने पर चर्चा करते हैं। शुरुआत में यह वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों का संगठन हुआ करता था। इसका पहला सम्मेलन दिसंबर 1999 में जर्मनी की राजधानी बर्लिन में हुआ था। 2008 में दुनिया ने भयानक मंदी का सामना किया था। इसके बाद इसे शीर्ष नेताओं के संगठन में तब्दील कर दिया गया। इसके बाद यह तय किया गया कि साल में एक बार G20 राष्ट्रों के नेताओं की बैठक की जाएगी।

भारत में होने वाले G20 की थीम 

भारत का G20 अध्यक्षता का विषय ‘वसुधैव कुटुंबकम’ या ‘एक पृथ्वी-एक कुटुंब-एक भविष्य’ है। इसे महाउपनिषद के प्राचीन संस्कृत पाठ से लिया गया है। G20 का लोगो भारत के राष्ट्रीय ध्वज के जीवंत रंगों-केसरिया, सफेद, हरे और नीले रंग से प्रेरित है। इसमें भारत के राष्ट्रीय पुष्प कमल को पृथ्वी ग्रह के साथ प्रस्तुत किया गया है जो चुनौतियों के बीच विकास को दर्शाता है। इसकी अध्यक्षता ट्रोइका द्वारा समर्थित है।वर्तमान में आने वाले भारत की अध्यक्षता के दौरान ट्रोइका में इंडोनेशिया (पूर्व अध्यक्ष), भारत (वर्तमान अध्यक्ष) और ब्राजील (वर्ष 2024 में अध्यक्षता) शामिल होंगे।

G20 दुनिया की बीस सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का समूह है, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था की दिशा और दशा तय करता हैै। हर साल इसकी अध्यक्षता एक नए सदस्य के पास आती है और वही इसका एजेंडा भी तय करता हैै। इस साल सम्मेलन की मेजबानी भारत के पास है और वह चाहता है कि बाली सम्मेलन में महामारी के बाद स्वास्थ्य से जुड़े वैश्विक समाधानों और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के साथ-साथ अक्षय ऊर्जा पर भी चर्चा हो।

G-20 समूह में शामिल देश

दुनिया का 85 प्रतिशत आर्थिक उत्पादन और 75% कारोबार G20 समूह के देशों में होता है। दुनिया की दो तिहाई आबादी भी G20 देशों में ही रहती हैै। इस ग्रुप में अमेरिका, ब्रिटेन, भारत, चीन, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, कनाडा, फ़्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया,स्पेन और तुर्की शामिल हैं।1999 के एशियाई वित्तीय संकट के बाद यह ग्रुप अस्तित्व में आया था। शुरुआती समय में G20 का ज़्यादातर जोर अंतरराष्ट्रीय कारोबार और आर्थिक लक्ष्यों पर था, लेकिन बाद में इसमें जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद जैसे मुद्दे भी शामिल हो गए।

विश्व के एजेंडे को भारत तय करेगा

भारत पश्चिमी देशों और रूस दोनों के साथ संतुलित संबंध बनाकर चल रहा हैै। इस समय भारत की नीति वैश्विक मंच पर नेतृत्व की भूमिका की ओर बढ़ रही हैै। G20 मंच की अध्यक्षता उसे वैश्विक एजेंडा तय करने की दिशा में मजबूत कदम साबित होगी। दुनिया में इस समय अस्थिरता की स्थित बनी हुई है। ऐसी परिस्थियों में भारत G20 की अध्यक्षता की जिम्मेदारी निभा रहा है।भारत के पास बड़ी सोच के साथ बेहतर नतीजे देने की क्षमता है।

शारंश

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