राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी ने राज्य में कोई भी भूखा न सोए के संकल्प को पूरा करने हेतु इंदिरा रसोई योजना राजस्थान को शुरू किया है। इस योजना 20 अगस्त को शुरू किया गया था। इस योजना के माध्यम से राजस्थान में गरीब लोगों को मात्र 8 रुपए में एक वक्त का ताजा और पौष्टिक खाना सम्मान पूर्वक बैठाकर खिलाया जाता है। एक वक्त की थाली में 25 रुपए का खर्च आता है जिसमें 17 रुपए राज्य सरकार द्वारा वहन किए जाते हैं और 8 रुपए खाना खाने वाले लोगों से से लिए जाते हैं।
इंदिरा रसोई योजना राजस्थान
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी ने अपने राज्य के लोगों को दो वक्त का भरपेट स्वादिष्ट खाना खिलाने के लक्ष्य से राज्य के 213 नगरीय निकायों में 358 रसोइयों के साथ इंदिरा रसोई योजना राजस्थान की शुरुआत की थी। जिन्हें अब बढ़ाकर बजट घोषणा में 1000 किया गया है। 18 सितंबर 2022 को मुख्यमंत्री जी ने जोधपुर में 512 नए इंदिरा रसोइयों का शुभारंभ किया है। कुल मिलाकर इस समय संचालित इंदिरा रसोइयों की संख्या 870 हो गई है। इन इंदिरा रसोइयों का संचालन एनजीओ द्वारा किया जाता है।
जिसके लिए जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समन्वय और मॉनिटरिंग समिति द्वारा रसोई चलाने के लिए 300 से अधिक स्थानीय एनजीओ का चयन किया जाता है। अब तक इस योजना के तहत 7.01 करोड़ भोजन की थालियां परोसी जा चुकी है। जोकि लक्ष्य का 72.32% है। लेकिन अब सरकार का इस योजना के माध्यम से प्रतिदिन 1.34 लाख लोगो और प्रतिवर्ष 4.87 लोगों को भोजन की थाली परोसने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
योजना का बजट
इस योजना के तहत राजस्थान सरकार द्वारा हर साल 100 करोड़ रुपए का खर्च करने का प्रावधान है। लेकिन 642 और नई इंदिरा रसोइयों को राज्य में संचालित करने के लिए मंजूरी प्रदान कर दी गई है। जल्द ही यह रसोईयां भी शुरू हो जाएंगी। जिसके बाद सरकार द्वारा इस योजना के तहत हर साल 250 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान किया जाएगा।
इंदिरा रसोई योजना राजस्थान के तहत अनुदान के लिए 50% राशि राज्य सरकार द्वारा और बची 50% मुख्यमंत्री सहायता कोष से या आवश्यकता होने पर अन्य मदों से पूर्ति की जाती है। सरकार द्वारा हर रसोई को आधारभूत संरचना के लिए 5 लाख रुपए और हर रसोई के आवर्ती संरचना के लिए 3 लाख रुपए हर साल दिए जाते है। राज्य में जो रसोईया अच्छा काम करती है उन्हें जिला संभाग, राज्य स्तर पर 15 अगस्त और 26 जनवरी पर 15 लाख से भी अधिक राशि के नगद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र दिए जाते हैं।
मात्र 8 रुपए में एक वक्त का भोजन
राज्य के गरीब जरूरतमंद लोगों को इंदिरा रसोई योजना राजस्थान के माध्यम से दोनों समय दोपहर और रात का भोजन खिलाया जाता है। इसमें रोजाना बड़ी संख्या में लोग भोजन करते हैं। एक समय के भोजन के लिए लोगों द्वारा 8 का भुगतान किया जाता है। सामान्य तौर पर दोपहर का भोजन सुबह 8:30 बजे से दोपहर 1 बजे तक और रात का भोजन शाम 5:00 बजे से 8:00 बजे तक उपलब्ध करवाया जाता है। भोजन की थाली में 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्जी, 250 ग्राम चपाती और आचार शामिल होता है।
राज्य सरकार द्वारा इस योजना के तहत पेपर लेस काम किया जाता है। जिसके लिए इंदिरा रसोई वेब पोर्टल को विकसित किया गया है। रसोई एजेंसी द्वारा ऑनलाइन भुगतान की व्यवस्था की भी जाती है। सरकार ने नगर निकायों द्वारा भोजन की गुणवत्ता पर निगरानी रखने के लिए हर महीने कम से कम 2 बार इंदिरा रसोइयों का निरीक्षण करके निरीक्षण रिपोर्ट मोबाइल ऐप के माध्यम से ऑनलाइन प्रेषित करने का भी प्रावधान किया है।
योजना का मुख्य उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य एक ही है कि राजस्थान में कोई भी गरीब व्यक्ति भूखा नहीं सोए और सभी को भरपेट ताजा, स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन मिले। क्योंकि इस बढ़ती हुई महंगाई के दौर में एक गरीब परिवार को अपने दो वक्त का खाना खाने में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कभी-कभी तो पैसे ना होने के कारण गरीबों को भूखा ही सोना पड़ जाता है। लेकिन जब से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी के द्वारा इंदिरा रसोई योजना राजस्थान शुरू की गई है तब से इसका लाभ उठाकर करोड़ों गरीब जरूरतमंद केवल 8 रुपए में एक वक्त का भरपेट ताजा खाना खा रहा है जो एक बहुत बड़ी सराहनीय बात है।
विधायक भी खाएंगे इंदिरा रसोई योजना का भोजन
राजस्थान सरकार की इस इंदिरा रसोई में जरूरतमंदों को सम्मानपूर्वक बैठाकर स्वादानुसार दोनों वक्त का शुद्ध और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाता है। समीक्षा बैठक में तय किया गया कि विधायकों के जाने से आम जनता का इंदिरा रसोई के प्रति भरोसा बढ़ेगा। इसलिए गहलोत सरकार द्वारा निर्णय लिया गया है कि महीने में एक दिन विधायक भी इंदिरा रसोई योजना का खाना खाएंगे। इंदिरा रसोई के शुभारंभ के अवसर पर मुख्यमंत्री गहलोत सहित सभी जनप्रतिनिधियों ने एकसाथ बैठकर खाना खाया था।
इंदिरा रसोई मॉडल की पूरे देश में प्रशंसा
इंदिरा रसोई की आईटी आधारित प्रक्रिया की मुख्य कार्यकारी अधिकारी, नेशनल ई-गर्वनेंस विभाग के द्वारा सराहना की गई थी। इन्दिरा रसोई मॉडल के अध्ययन के लिए गुजरात, मध्यप्रदेश के अधिकारियों का भ्रमण व प्रशंसा एवं केन्द्र सरकार के समक्ष इन्दिरा रसोई मॉडल का प्रस्तुतीकरण व सराहना की जा चुकी है।
हर साल अच्छा कार्य करने वाले रसाईयों को जिला संभाग द्वारा राज्य स्तर पर 15 अगस्त एवं 26 जनवरी पर 15 लाख से अधिक राशि के नगद पुरस्कार और प्रशस्ती पत्र दिया जाता है। रसोईयों में लाभार्थियों को 500 मिली मिनरल पानी की बोतल दिये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
इंदिरा रसोई योजना राजस्थान के लाभ
- सरकार द्वारा इंदिरा रसोई योजना राजस्थान के द्वारा लोगों को स्वादिष्ट एवं ताजा भोजन दोनों वक्त उपलब्ध करवाया जाता है।
- इस खाने के लिए व्यक्ति को एक वक्त के भोजन के लिए केवल 8 रुपए का भुगतान करना होता है।
- यह योजना राज्य में जरूरतमंद लोगों को भरपेट खाना देकर उनके स्वास्थ्य को सुधारने में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान देगी।
- इंदिरा रसोई योजना के माध्यम से हर दिन 1.34 लाख व्यक्तियों और हर साल 4.87 करोड़ों व्यक्तियों को लाभान्वित करने का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है। यह लक्ष्य को आवश्यकता अनुसार ओर बढ़ाया भी जा सकता है।
योजना की मुख्य विशेषताएं
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा संचालित इंदिरा रसोई योजना की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं।
- इस योजना के तहत एक समय में खिलाई जाने वाली प्रति थाली पर 25 रुपए का खर्च आता है जिसके लिए लाभार्थी को एक वक्त की थाली के लिए 8 रुपए देने पड़ते हैं और राज्य सरकार द्वारा प्रति थाली 17 रुपए का अनुदान दिया जाता है।
- इस योजना के तहत इंदिरा रसोइयों का संचालन एनजीओ द्वारा किया जाता है।
- राज्य में जिला स्तर पर योजना की जिम्मेदारी जिला कलेक्टर को सौंपी गई है।
- राजस्थान इंदिरा रसोई योजना में किसी भी तरह की कोई धोखाधड़ी या धंधाली ना हो इसके लिए इस योजना का काम पेपर लेस किया जाता है। जिसके लिए इंदिरा रसोई वेब पोर्टल को विकसित किया गया है।
- नगर निकायों द्वारा भोजन की गुणवत्ता पर निगरानी रखने के लिए हर महीने कम से कम 2 बार इंदिरा रसोइयों का निरीक्षण करके निरीक्षण रिपोर्ट मोबाइल ऐप के माध्यम से प्रेषित करने का भी प्रावधान किया गया है।
योजना हेतु योग्यताएं
- लाभार्थी को राजस्थान का स्थाई निवासी होना चाहिए।
- गरीब और जरूरतमंद लोग जिनकी आय बहुत ही कम है केवल वही इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।