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ओपन मार्केट सेल स्कीम: इस योजना से महंगाई से राहत, गेहूं के दाम होंगे सस्ते, जानिए खरीदने की प्रक्रिया-

राजस्थान में गेहूं और आटा की कीमतों को नियंत्रित रखने के मकसद से केंद्र सरकार ने बफर स्टॉक से गेहूं खुले बाजार में बेचने का बड़ा फैसला लिया हैं।ओपन मार्केट सेल स्कीम के तहत भारतीय खाद्य निगम छोटे और मध्यम आटा मिलों और व्यापारियों को खुले बाजार में ई-ऑक्सन के जरिए गेहूं बेचकर आम जनता को महंगाई से राहत देने के लिए हर बुधवार को साप्ताहिक ई-नीलामी आयोजित कर रहा हैं। इस ई-ऑक्शन को सरकार की ओर से गेहूं और आटे की कीमतों पर लगाम लगाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। सरकार की ओर से जारी स्टॉक ई-नीलामी के माध्यम से आटा मिलों, निजी व्यापारियों, थोक खरीददारों को गेहूं बिक्री के लिए उपलब्ध होगा।

ओपन मार्केट सेल स्कीम 

FCI खाद्यान्न की आपूर्ति बढ़ाने हेतु समय-समय पर खुले बाज़ार में ई-नीलामी के माध्यम से पूर्व निर्धारित कीमतों पर गेहूँ और चावल के अधिशेष स्टॉक को बेचता है। इसका उद्देश्य भारतीय खाद्य निगम द्वारा धारित गेहूँ और चावल के अधिशेष स्टॉक का निपटान करना तथा खुले बाज़ार में गेहूँ के मूल्य को विनियमित करना है। FCI गेहूँ की ओपन मार्केट सेल स्कीम के तहत नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड के प्लेटफॉर्म पर साप्ताहिक नीलामी आयोजित करता है। NCDEX भारत में एक कमोडिटी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म है जो विभिन्न कृषि और अन्य वस्तुओं के व्यापार के लिये मंच प्रदान करता है।

उद्देश्य

बुआई और कटाई के बीच के मौसम के दौरान खाद्यान्न आपूर्ति में वृद्धि करना। ओपन मार्केट की कीमतें और मुद्रास्फीति पर नियंत्रण करना। घाटे वाले क्षेत्रों में खाद्य सुरक्षा और अनाज की उपलब्धता सुनिश्चित करना। केंद्रीय पूल से अधिशेष खाद्यान्न की बिक्री की सुविधा प्रदान करना। आदि इस योजना के मुख्य उद्देश्य हैैं। बहरहाल,ओपन मार्केट सेल स्कीम बाजार में गेहूं की बिक्री व्यापक पहुंच के साथ-साथ गेहूं और आटे की बढ़ती कीमतों पर प्रभाव डालेगी और बढ़ती कीमतों को रोकने में मदद करेगी और आम आदमी को कुछ राहत लाएगी। कीमतों को कम करने के लिए ओपन मार्केट सेल स्कीम के तहत चावल को उतारने का भी फैसला किया गया है। राजस्थान में ओपन मार्केट सेल स्कीम के तहत टेंडर भी निकाले गए लेकिन नीलामी किसी ने नहीं लगाई।

केंद्र सरकार की तैयारियां 

राजस्थान में बढ़ती गेंहू की कीमतों को कंट्रोल करने के लिए केंद्र सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी है। केंद्र सरकार ने आटा के दामों में कमी लाने के लिए एफसीआई के भंडार से खुले बाजार में गेहूं उतारने का फैसला लिया है। ओपन मार्केट सेल स्कीम  के तहत यह गेहूं टेंडर में शामिल होने वाले पंजीकृत आटा मिलों, निजी व्यापारियों, थोक खरीदारों, गेहूं से बने उत्पादों के निर्माताओं को ई-नीलामी के माध्यम से बेचा जाएगा।

15 लाख टन गेहूं की बिक्री 

सरकार ने ई-नीलामी के जरिये आटा मिलों, निजी व्यापारियों और गेहूं उत्पादों के निर्माताओं को केंद्रीय पूल से ओएमएसएस के तहत 15 लाख टन गेहूं की बिक्री करने की घोषणा की थी। हालांकि, केंद्र सरकार गत 26 जनवरी को 2023 के लिए ओएमएसएस नीति लेकर आई थी, जिसके तहत राज्यों को ई-नीलामी में भाग लिए बिना अपनी योजनाओं के लिए एफसीआई से गेहूं खरीदने की अनुमति दी गई थी। फरवरी और मार्च माह में 2 लाख मेट्रिक टन गेहूं 21 रुपए 50 पैसे प्रतिकिलो के हिसाब से खुले बाजार में नीलामी की जा चुकी हैं और जुलाई माह में 15 हजार मीट्रिक टन गेहूं ई-ऑक्शन से बेचा जा चुका हैं।

वर्तमान में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत राजस्थान के 4.33 करोड़ लाभार्थियों के साथ केन्द्र सरकार की अन्य पोषण योजना के तहत एफसीआई हर महीने 2.31 लाख मीट्रिक टन गेंहू उपलब्ध करवाती है। अब एफसीआई गेंहू की खरीद भी बढ़ाएगी, ताकि लोगों को भारत आटा के पैकेट उपलब्ध करवाए जा सके।

गेहूं की कीमतों पर कंट्रोंल

इसका फायदा यह हुआ की एफसीआई से गेहूं उठाकर 27 रुपए 50 पैसे के हिसाब से आटा तैयार कर आम जनता को उपलब्ध कराया गया। इस योजना से गेहूं और आटा की कीमतों में कंट्रोल हुआ हैं।साथ ही आम जनता को बहुत राहत मिली हैं। उन्होने बताया की गेहूं की ई-ऑक्शन में हिस्सा लेने के लिए पहले रजिस्ट्रेशन करवाना होगा उसके बाद ई-नीलामी में भाग ले सकेंगा। इसका मकसद हैं की गेहूं जब सस्ता मिलेगा तो मिल संचालक और व्यापारी इस गेंहू का आटा बनाकर उसे खुले बाजार में आटा चक्कियों-अन्य मध्यम से सस्ता बेच सकेंगे। इसका मुख्य उदेश्य बाजारों में बढ़ती गेंहू की कीमतों पर कंट्रोल करना है।

गेहूं पर स्टॉक लिमिट 

उन्होने बताया की वर्तमान में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत राजस्थान के 4.33 करोड़ लाभार्थियों के साथ केन्द्र सरकार की अन्य पोषण योजना के तहत एफसीआई हर महीने गेंहू उपलब्ध करवाती है गौरतलब हैं की आटे की महंगाई से परेशान होते आम आदमी को राहत देते हुए सरकार ने 15 साल में पहली बार गेहूं पर स्टॉक लिमिट लगाई हैं। जिसमें 3 हजार मीट्रिक टन से ज्यादा कोई भी व्यापारी गेहूं का स्टॉक नहीं रख सकता हैं।

जिसका असर अब थोक मंडियों में दिखना शुरू हो गया है। स्टॉक सीमा लगने से इसकी कीमतों में प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई है। स्टॉक सीमा फिलहाल 31 मार्च 2024 तक लागू रहेगी। गेहूं की जमाखोरी को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने निर्णय लिया है कि नीलामी में भाग लेने के लिए गेहूं स्टॉक निगरानी प्रणाली वाले पोर्टल में घोषणा करना अनिवार्य है।

रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी 

गेहूं के बाजार भाव को नियंत्रण करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा देश में खुले बाजार में 15 लाख मीट्रिक टन गेहूं की ब्रिकी दिसंबर तक की जाएगी। खुले बाजार में में एफसीआई से गेहूं खरीदने के लिए M-JUCTION WEBSITW/PALTEFORM पर रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है।

खुले बाजार में सभी आटा चक्की संचालक रजिस्ट्रेशन करवाकर हिस्सा लेकर 10 मीट्रिक टन से 100 मीट्रिक टन तक बोली लगाकर गेहूं खरीद सकते हैं ओपन मार्केट सेल स्कीम के तहत घरेलू बाजार के लिए टेंडर फ्लोट कर दिए गए हैं। एफसीआई हर सप्ताह ओपन मार्केट स्कीम के तहत ऑनलाइन टेंडर जारी कर गेहूं को बेचता है  इस गेहूं को मिल मालिक और ट्रेडर्स और आटा चक्की संचालक खरीदते हैं।

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