जैविक खेती प्रोत्साहन योजना:
आजकल किसान अपनी फसलों की बेहतर फसल के लिए केमिकल और पेस्टिसाइड का किया कर रहे हैं जिससे उनके खेतों की उपजाऊ क्षमता कम होती जाती है | केंद्र व राज्य सरकार द्वारा जैविक खेती को प्ररोत्साहित करने के लिए कई प्रकार की योजनायें संचालित की जा रही हैं, यहाँ तक की जैविक खेती करनें वाले किसानों को इन सरकारी योजनाओं के माध्यम से अनुदान देने और उन्हें पुरस्कृत करने का फैसला लिया गया है। किसानों जैविक खेती की तरफ आकर्षित करनें के लिए केंद्र सरकार द्वारा जैविक खेती प्रोत्साहन योजना की शुरुआत की गयी है और आज के समय में इस योजना को भारत के लगभग सभी प्रदेशों में राज्य सरकार के सहयोग द्वारा संचालित किया जा रहा है।
जानिए जैविक खेती प्रोत्साहन योजना के बारे में:
आज कल किसान अच्छी पैदावार के लिए तरह तरह के केमिकल युक्त खाद और कीटनाशक दवाओं, पेस्टीसाइड का उपयोग कर रहे हैं जिसकी वजह से आज कल नई-नई बीमारियां उत्पन्न हो रही है, जिनका सही समय पर इलाज न हो पाने की वजह से लोगो की अकस्मात मृत्यु भी हो जाती है । सोचनीय बात यह है, कि भूमि की उपजाऊ शक्ति भी नष्ट होती जा रही है, जो भविष्य के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है। इसके लिए जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकारों द्वारा भी कई प्रयास किये जा रहे हैै। भारत में किसानों को जैविक खेती की तरफ आकर्षित करने के लिए जैविक खेती प्रोत्साहन योजना की शुरुआत सरकार द्वारा वर्ष 2004-05 में की गयी थी। कृषि विभाग द्वारा प्राप्त सूचना के अनुसार, इस योजना के शुरू होनें से पहले भारत में जैविक खेती सिर्फ 75 हजार हेक्टेयर में की जा रही थी, लेकिन अब बढ़कर 10,85,648 हेक्टेयर हो गई।आज के आधुनिक युग के समय में जैविक खेती प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत किसानों को जैविक खेती करनें के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है | केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा प्राप्त सूचना के अनुसार, भारत में इस समय लगभग 27.77 लाख हेक्टेयर में जैविक खेती की जा रही है और इस मामले में मध्य प्रदेश पहले स्थान पर है । मध्य प्रदेश के अलावा झारखंड, राजस्थान, कर्नाटक, ओडिशा, महाराष्ट्र, असम, उत्तर प्रदेश, बिहार और छत्तीसगढ़ में भी जैविक खेती की जा रही है ।
जैविक खेती प्रोत्साहन योजना का मुख्य उद्देश्य:
सरकार द्वारा जैविक खेती प्रोत्साहन योजना को शुरू करनें का मुख्य उद्देश्य किसानों को जैविक खेती करनें के लिए आकर्षित करना है | इस स्कीम के अंतर्गत किसान भाइयों को प्रशिक्षण से लेकर प्रोत्साहन तक दिया जाएगा | राज्य सरकार के कृषि विभाग द्वारा ऐसे किसानों का चयन किया जा रहा है, जिनका रुझान जैविक खेती की तरफ हुआ है | ऐसे किसान भाइयों को सरकार की तरफ से ट्रेनिंग के साथ ही वर्मी कम्पोस्ट बनाना और जैविक खेती करनें से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की जाएगी | इसके साथ ही जैविक खेती से उनकी उपज और आय बढ़ानें के लिए सरकार द्वारा पूरी सहायता प्रदान की जाएगी।
जैविक खेती प्रोत्साहन योजना के लाभ:
केंद्र सरकार नें जैविक खेती से सम्बंधित चलायी जा रही योजनाओं का नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चरल एक्टेंशन मैनेजमेंट द्वारा सर्वे कराया है, जिससे प्राप्त सूचना के अनुसार जैविक खेती करनें वाले किसानों को उत्पादन और लागत में 10 से 20% तक की कमीं देखनें को मिली और जब किसानों को अपनी फसलें उगानें में लागत कम लगेगी, तो स्वाभाविक रूप से उनकी आय में वृद्धि होगी ।
जैविक खेती से चुनौतियां:
केंद्र सरकार द्वारा जैविक खेती के लिए किसानों को लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है, परन्तु किसानों को इस बात का डर है, कि यदि वह रासायनिक खादों का उपयोग बंद कर देंगे तो फसल का उत्पादन कम हो जायेगा, ऐसे में उनकी आय में कमी आ जाएगी। दूसरी बात यह है, कि जैविक उत्पाद महंगे होते हैं, और साथ ही इन उत्पादों के गांवों में मिलनें का अभी तक कोई उचित साधन नही है। सरकार किसानों को जैविक खेती करनें के लिए लगातार प्रेरित कर रही है और इसके लिए सरकार आर्थिक रूप से सहायता भी कर रही है।