देश में होंगे ये काम
भारतीय रेलवे, इंफ्रास्ट्र्क्चर डिफेंस और स्पेस सेक्टर पर खास काम किया जाएगा। देश के युवाओं के लिए नए सेक्टर्स का उदय किया जाएगा और घर-घर सोलर पावर पहुंचाया जाएगा। आने वाले 5 सालों में जनता भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के मैन्यूफेक्चरिंग में रिकॉर्ड वृद्धि देखेगी, सेमी कंडक्टर मिशन, हाइड्रोजन मिशन देखेगी। चुनावों से पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह रहे थे कि तीसरे कार्यकाल में ये फैसले लेंगे।
एक देश एक चुनाव
एक देश, एक चुनाव भी देखा जाए तो बड़े फैसले वाला ही प्रोजेक्ट है। एक साथ चुनाव कराए जाने को लेकर कोई खास विरोध तो नहीं लग रहा है, लेकिन चूंकि ये बीजेपी सरकार का प्रस्ताव है, इसलिए स्वाभाविक विरोध तो विपक्ष की मजबूरी ही है। वैसे चुनाव कैंपेन में ये भी समझाने की कोशिश हो रही थी कि अगर बीजेपी सत्ता में लौटी तो आगे फिर कभी देश में चुनाव नहीं होंगे। लेकिन अब चूंकि बीजेपी कमजोर होकर आई है, इसलिए एक साथ चुनाव कराने का फैसला तो सहयोगी दलों की सहमति के बगैर होने से रहा।
केवल 15 राजनीतिक दलों को छोड़कर बाकी 32 दलों ने एक साथ चुनाव कराने के लिए सपोर्ट तो किया ही है, सीमित संसाधनों की बचत, सामाजिक तालमेल बनाए रखने और आर्थिक विकास को गति देने के लिए ये विकल्प अपनाए जाने की जोरदार पैरवी भी की है। राजनीतिक विरोध का लेवल जो भी हो, लेकिन एक देश, एक चुनाव को लागू किया जाना भी बड़ा फैसला ही होगा।
यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करना
बीजेपी के सांस्कृतिक राष्ट्रवाद वाले एजेंडे में तीन मुद्दे प्रमुख में से एक पूरे देश में समान नागरिक संहिता लागू करना है।राजनीतिक तौर पर बेहद संवेदनशील होने के कारण यूसीसी यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू कर पाना मोदी सरकार के लिए बेहद मुश्किल हो सकता है। देश के 22वें विधि आयोग ने 14 जून, 2023 को यूसीसी पर सार्वजनिक और धार्मिक संगठनों के विभिन्न पक्षों से एक महीने के भीतर अपनी राय देने को कहा था। भारत में कानून तो सभी के लिए बराबर है, लेकिन समान नागरिक कानून कोई नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिटारे में और जो कुछ भी हो, लेकिन यूसीसी उनमें से एक तो है ही। और इस मामले में मोदी सरकार कोई कदम बढ़ाती है और अंजाम तक पहुंचाती भी है, तो ये सबसे बड़ा फैसला होगा।
अग्निवीर योजना में क्या होगा
पूरे लोकसभा चुनाव कैंपेन में अग्निवीर योजना का मुद्दा छाया रहा। सभी के जुबान पर एक ही बात थी, भारत गठबंधन ने सत्ता में आने पर अग्निवीर योजना खत्म कर दी जाएगी। भारत ब्लॉक की सरकार तो नहीं आई, लेकिन बीजेपी के अंदर चुनावी प्रदर्शन पर चर्चा में अग्निवीर योजना तो आएगी ही। चुनावों के दौरान ही ये खबर भी आई थी कि सेना अग्निवीर योजना पर पर फीडबैक ले रही है, ताकि अगर जरूरी लगे तो उसमें आवश्यक सुधार किया जा सके।मतलब, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अग्निवीर योजना को लेकर पहले से ही अलर्ट है । हो सकता है, मोदी सरकार अग्निवीर योजना को बेहतर करने की कोशिश करे। अगर ऐसा कुछ भी होता है तो मोदी सरकार का बड़ा फैसला ही माना जाएगा।