राजस्थान में ओपीएस बंद
भजनलाल सरकार ने नवनियुक्त कर्मचारियों को ओपीएस का विकल्प नहीं दिया है। आदेश में लिखा कि उन्हें एनपीएस पर लिया जा रहा है। हालांकि, इसके बाद सरकार ने एक संशोधित आदेश जारी किया। इसमें एनपीएस का जिक्र नहीं है। कांग्रेस की सरकार ने अपने कार्यकाल में ओपीएस लागू की थी। राजस्थान में भाजपा की नई सरकार अशोक गहलोत की योजनाएं बंद कर रही है। भजनलाल सरकार ने पहली ही नियुक्ति में कर्मचारियों पर एनपीएस लागू कर दिया है। आदेश में कहीं पर भी ओपीएस का जिक्र नहीं है। इससे साफ होता है कि राजस्थान में पुरानी पेंशन योजना लागू नहीं होगी। सरकार द्वारा 25 अभ्यर्थियों की सूची जारी की गई है जिसमें सिर्फ एनपीएस का जिक्र है। ओपीएस का जिक्र कहीं पर भी नहीं है।
ओपीएस को लेकर हंगामा
विपक्षी कांग्रेस ने 24 जनवरी 2024 को राजस्थान में 1 जनवरी 2004 या उसके बाद सेवा में शामिल हुए सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को जारी रखने की मांग की है। लेकिन नई भाजपा सरकार ने इस मुद्दे पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है, जबकि ओपीएस का अध्ययन करने के लिए एक समिति गठित की गई है और समिति द्वारा अपना प्रस्ताव प्रस्तुत करने के बाद सरकार इस पर विचार-विमर्श करेगी।
राज्य के सरकारी कर्मचारी ओपीएस को जारी रखने या बंद करने के सरकार के फैसले के बारे में स्पष्ट जानना चाहते हैं। हालांकि, नए आदेश में नव नियुक्त अधिकारियों के लिए लागू पेंशन प्रणाली के किसी प्रावधान का उल्लेख नहीं किया गया है। भाजपा सरकार कम से कम लोकसभा चुनाव खत्म होने तक नई नियुक्तियों में ओपीएस को जारी रख सकती है, क्योंकि फैसले में किसी भी बदलाव से सरकारी कर्मचारियों के एक बड़े वर्ग में नाराजगी हो सकती है।
ओपीएस खत्म होने की अफवाहें
राजस्थान सरकार द्वारा ओल्ड पेंशन स्कीम के खत्म होने की खबर इतनी भी हैरान करने वाली नहीं है। क्योंकि पुरानी पेंशन योजना को लेकर देश के और भी राज्यों में भाजपा सरकारों का रूख कुछ ऐसा ही रहा है। उन प्रदेशों में भी सरकारों ने ओपीएस को खत्म करते हुए, एनपीएस को अपनाने का काम किया है। ओपीएस को लेकर राज्य सरकार अपना दृष्टिकोण साफ करेगी। राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से एक भर्ती निकाली गई। इस भर्ती के तहत सहायक कृषि अनुसंधान अधिकारी के पदों पर चयन किया जाना था।
कृषि विभाग की ओर से 22 जनवरी को कुल 25 चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी की गई। जिसमें केवल एनपीएस का जिक्र है, ओपीएस का कहीं भी जिक्र नहीं है। कर्मचारियों को ओपीएस का ऑप्शन दिया ही नहीं गया। लेकिन बाद में सरकार ने एक संशोधित आदेश जारी किया, जिसमें एनपीएस या ओपीएस का जिक्र नहीं है। परंतु इनके नियुक्ति आदेश में ओल्ड पेंशन स्कीम के बजाए नई पेंशन योजना यानी एनपीएस का जिक्र देखने को मिला। इसके बाद से ही यह मुद्दा सियासी गलियारों में भी उठने लगा।
भजनलाल सरकार ने पलटा गहलोत का फैसला
राजस्थान में विधानसभा चुनाव के दौरान सरकारी कर्मचारियों की ओल्ड पेंशन स्कीम लागू रखने का मुद्दा सबसे ज्यादा गर्माया था। राजस्थान की पूर्व कांग्रेस सरकार ने नई पेंशन स्कीम की जगह ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की थी। लेकिन भजनलाल शर्मा सरकार ने नवनियुक्त कार्मिकों के लिए ओपीएस के बजाय दोबारा एनपीएस लागू करने का आदेश जारी किए हैं।