तारबंदी कैसे करें :
तारबन्दी के लिए पोल लोहे , सीमेंट या पत्थर के हो सकते हैं। किसानों को अपने खेतों की सुरक्षा के लिए कम से कम 150 सेंटी मीटर ऊंची तारबन्दी करना अनिवार्य है।जिसमे एक पोल से दूसरे पोल के बीच की दूरी कम से कम 3 X3 मीटर रखी जायेगी, जिसमें कम से कम 30 सेंटीमीटर हिस्सा जमीन के अंदर होना जरूरी है। दो पिलर के बीच 6 तार होरिजेंटल और 2 तार वर्टिकल लाइनों में लगाना जरूरी है।
तारबंदी योजना हेतु आवश्यक दस्तावेज :
• खेत की नवीनतम जमा बंदी
• नक्शा
• आधार कार्ड
• जनाधारकार्ड
• बैंक पासबुक
• पासपोर्ट साइज का रंगीन फोटो
• सहमति देने वाले किसानों के शपथ पत्र
• पटवारी द्वारा राजस्व विभाग का प्रमाण पत्र
तारबंदी योजना के नियम व शर्तें :
इस योजना का लाभ लेने के लिए कम से कम तीन किसानों का समूह होना जरूरी है। तभी आप इस योजना का लाभ उठा सकते हैं अगर इससे कम होता है तो आपको इस योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों के समूह के पास 3 हेक्टेयर यानी 12 बीघा जमीन होना अनिवार्य है।बाड़ में किसान बिजली कनेक्शन नहीं प्रवाहित कर सकते हैं।यह एक दंडनीय अपराध है।
तारबंदी योजना का लाभ उठाने के लिए योग्यताएं :
तारबंदी योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन करने वालों के पास निम्न योग्यताओं का होना अनिवार्य है।
- किसान के स्वयं के नाम से भू-स्वामित्व नहीं होने की स्थिति में यदि आवेदक किसान स्वयं के पक्ष में भू-स्वामित्व में नोशनल शेयर धारक का प्रमाण पत्र हल्का पटवारी से प्राप्त कर आवेदन के साथ प्रस्तुत करता है तो ऐसे किसान को भी अनुदान के लिए पात्र माना जायेगा। या फिर इस आशय का सरपंच से प्रमाण पत्र प्राप्त कर प्रस्तुत करे कि वह परिवार से अलग रहते हैं और राशन कार्ड व मनरेगा जॉब कार्ड अलग बना हुआ है।
- किसी भी ट्रस्ट/सोसाइटी/स्कूल/कॉलेज/मंदिर/धार्मिक संस्थान आदि को इस योजना का लाभ नहीं मिलेेगा।
- राजस्थान तारबंदी सब्सिडी योजना का लाभ सभी श्रेणी के कृषकों को दिया जायेगा।
- प्रति किसान 400 रनिंग मीटर की सीमा तक अनुदान देय होगा और खेत की पेरिफेरी की लम्बाई 400 मीटर से अधिक होने पर शेष दूरी में किसान को खुद से तारबंदी करनी होगा। क्योंकि आवश्यक क्षेत्र में सर्पूण रूप से तारबंदी किया जाना सुनिश्चित करने के बाद ही अनुदान राशि कृषक को उपलब्ध करवाई जायेगी।
- किसान द्वारा तारबन्दी करते समय खेत की वस्तुस्थिति के आधार पर सही प्रकार से ले-आउट बनाकर अत्यावश्यक साइड में प्राथमिकता के आधार पर तारबन्दी करवायी जाए। किसी किसान द्वारा खेत की उस तरफ जहां पहले से किसी दूसरे किसान द्वारा विभागीय अनुदान प्राप्त कर या फिर स्वयं के द्वारा तारबन्दी की गई है पर दोबारा तारबन्दी नहीं करायी जाए। पेरीफेरी के कृषकों द्वारा यह सुनिश्चित किया जायेगा की तारबन्दी का सही प्रकार से उपयोग हो रहा है।
- पेरीफरी के निर्धारण उपरान्त प्रशासनिक स्वीकृति जारी की जायेगी और निर्धारित पेरीफेरी में इसके उपरान्त कोई बदलाव नहीं किया जायेगा।
- एक किसान को पेरीफेरी पर खेत की लम्बाई के अनुसार तारबन्दी के लिए 400 रनिंग मीटर की सीमा तक अनुदान दिया जायेगा।
तारबंदी योजना के तहत आवेदन आवेदन प्रक्रिया :
यह योजना पहले आओ पहले पाओ के आधार पर चलती है, इसलिए जो किसान सबसे पहले राज साथी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करेगा, उसे इस योजना का लाभ पहले मिलेगा।जो किसान इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, वे नजदीकी ई-मित्र केंद्र या राजकिसान साथी पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के समय किसानों के पास 6 माह से पहले नवीनतम जमाबंदी होना जरूरी है। जिस फील्ड में जाना है उसका नक्शा होना जरूरी है। इसके अलावा आधार कार्ड और एक रंगीन फोटोग्राफ होना अनिवार्य है। इस योजना से लाभान्वित होने वाले किसानों का चयन पहले आओ पहले पाओ के आधार पर किया जाता है।आवेदन के बाद योजना से संबंधित सहायक कृषि अधिकारी या कृषि पर्यवेक्षक मौके पर ही प्रारंभिक सत्यापन करेंगे। इसके बाद भौतिक सत्यापन एवं बाड़ के नियंत्रण के बाद सब्सिडी की राशि किसानों के बैंक खातों में जमा करायी जाती है।