इस योजना का शुभारंभ “अनुसूचित जाति और अधीन पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग” ,हरियाणा सरकार द्वारा किया गया । इस योजना का उद्देश्य अनुसूचित और मुक्त जाति के लिए क़ानूनी सहायता का प्रावधान करना है । इस योजना का आधार 50% केन्द्र सरकार और 50% राज्य सरकार के साझेदारी पर है ।
निम्नलिखित प्रकार के मामलों में कानूनी सहायता दी जाएगी :-
- निजी आधार पर आधारित अपराधिक मामलें।
- भूमि और अन्य अचल संपत्ति से बेदखली के मामलें।
- जमींदारों से किराए की वसूली के मामलें।
- मकान मालिक किसी किराए की रसीद देने से मना करे ।
- जमींदारों द्वारा दस्तावेजों (Khasra Girdawaries) के सुधार से संबंधित मामलें।
- गोबर ढेर को जबरन हटाने से जुड़े मामले।
- मंदिर या छात्रावास में पीने के पानी या प्रवेश के इनकार से उत्पीड़न के लिए मुआवजे से जुड़े मामला ।
- कृषि उपज में सेरी (seri) संजीस (sanjees) या सिपिदर्स (seepiders) की हिस्सेदारी से जुड़े मामलें ।
- पति या माता-पिता या महिलाओं या लड़कियों के अपहरण से जुड़े मामलों में ।
- सेवाओं में अनुसूचित जाति कर्मचारियों द्वारा आरक्षण से जुड़े मामले।
लाभ:
- वकील की फीस के लिए ज़िला कल्याण अधिकारी द्वारा 2500 रुपये तक अनुदान सहायता ।
- वकील की फीस 2500रूपये से अधिक होने पर उपायुक्त / एसडीएम द्वारा सहायता मंजूर होगी ।
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