असम की सरकार ने वहां के गरीब लोगों के लिए आर्थिक रूप से मदद करने के उद्देश्य से असम के मुख्यमंत्री हिंमत बिस्वा सरमा ने राज्य सरकार की सबसे महत्वपूर्ण योजना अरुणोदय का दूसरा संस्करण लांच कर दिया है।
आसम के मुख्यमंत्री हिंमत बिस्वा सरमा ने इस योजना को सामाजिक क्षेत्र की सबसे बड़ी योजना बताया:
असम में गरीब लोगों की आर्थिक मदद करने के उद्देश्य से वहां के मुख्यमंत्री ने अरुणोदय योजना का दूसरा संस्करण जारी किया है। उन्होंने बताया कि यह योजना सामाजिक क्षेत्र की दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण योजना है। राष्ट्रीय राजधानी में असम हाउस के परिसर में आयोजित अरुणोदय योजना के लांचिंग समारोह में मुख्यमंत्री सरमा ने अरुणोदय को असम के इतिहास में समाजिक क्षेत्र की सबसे महत्वपूर्ण और बड़ी योजना बताया है। जिसमें लाखों लोगों के जीवन में बदलाव लाने की क्षमता है।
इस योजना से मिल रहा है 17 लाख महिलाओं को:
असम के मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि सामाजिक क्षेत्र की इस खास योजना के शुरुआत में ही इसके प्रथम संस्करण के अंतर्गत लगभग 17 लाख महिलाओं को लाभ मिला है। हर महीने 10 तारीख को अंतरण पद्वति ( डी.बी.टी ) के जरिए 1,250 रुपए की राशि उन्हें प्राप्त हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना में 10.5 लाख तक नये लोगों को जोड़ दिया है। धीरे धीरे इसमें 27 लाख से भी अधिक लाभ लेने योग्य लोगों को जोड़ा जाएगा।
यह योजना गरीबी उन्मूलन अभियान में मदद करेगी:
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के गरीब परिवारों को हर महीने 1,250 रुपए की राशि दी जाएगी जो देश में चल रहे गरीबी उन्मूलन अभियान में मददगार साबित होगी।
दिव्यागों और ट्रांसजेंडरों को भी मिलेगा लाभ:
असम के मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि आगामी नये वर्ष के अप्रैल 2023 से दीनदयाल दिव्यांग पेंशन योजना और इंदिरा मिरी विधवा पेंशन योजना का लाभ उठा रहे सभी लोगों को भी अरुणोदय ( 2.0) योजना के दूसरे संस्करण में शामिल किया जाएगा। इस योजना में दिव्यागों और ट्रांसजेंडरों को भी जोड़ कर लाभ उठाने का अवसर दिया जाएगा।
परिवार के ऐसे लोगों में से जो बौने, सेरेब्रल पाल्सी, थैलेसीमिया, हीमोफीलिया जैसी आदि बिमारियों से पीड़ित हैं उन्हें भी अरुणोदय ( 2.0) योजना के अंतर्गत शामिल किया जाएगा।
लगभग तीन लाख लोगों को हटाया गया इस योजना से:
असम प्रदेश की सरकार के अनुसार इस महत्वपूर्ण योजना अरुणोदय से लगभग 2.75 लाख तक लाभ लेने वाले लोगों को हटाया गया है। क्योंकि एक सर्वेक्षण के आधार पर पाया गया है कि इनमें से कुछ लोगों की मौत हो गई है और कुछ लोग इस योजना के लिए पात्रता के योग्य नहीं है।