हरियाणा सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा से जुड़े क्षेत्र के प्रति समग्र दृष्टिकोण को अपना रही है। इसके साथ ही सभी लोगों के लिए सुलभ और किफायती मेडिकल देखभाल सुनिश्चित करने पर विशेष बल दे रही है। राष्ट्र की प्रगति के लिए स्वास्थ्य देखभाल होना बहुत जरूरी है।इसीलिए सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति भी प्रतिबद्ध है ताकि राज्य के हर नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके। बेहतर स्वास्थ्य देखभाल के लिए बेहतर और ज्यादा डाक्टरों का होना भी अनिवार्य है। इसलिए हरियाणा में इंजीनियरिंग का कोर्स हिंदी भाषा में शुरू होने के बाद अब हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अगले चरण में मेडिकल कोर्स को भी हिंदी में शुरू करने की योजना बनाई है। ताकि हिंदी मीडियम में पढ़ रहे छात्रों को भी मेडिकल शिक्षा प्राप्त करने में आसानी हो। साथ ही भारत की राष्ट्रीय भाषा को प्रोत्साहित किया जा सके। अब अधिकतम लिखित परीक्षाएं भी हिंदी भाषा में ली जा रही हैं।
ऐसे होगी डॉक्टरों की नियुक्ति
स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को प्रशासनिक पदों पर नियुक्ति नहीं दी जाएगी, बल्कि वे स्पेशलिस्ट केवल क्लीनिकल ड्यूटी करेंगे। सरकार ने विशेषज्ञ डॉक्टरों के लिए अलग काडर बनाया है। इनके सेवा नियम और शर्ते अन्य डॉक्टरों से अलग होंगी। राजकीय मेडिकल कॉलेजों में स्नातक पाठ्यक्रमों में 40 प्रतिशत सीटें सरकारी सेवा के डॉक्टरों के लिए आरक्षित होंगे। साथ ही डीएनबी कोर्स 11 अस्पतालों से बढ़ाकर सभी में जिला अस्पतालों में शुरू किया जाएगा। इसके अतिरिक्त मेेेडिकल कोर्स अब हिंदी मीडियम के छात्रों के लिए भी बहुत आसान होगा, क्योंकि मेडिकल कोर्स अब हिंदी में शुरू करने की राज्य सरकार द्वारा योजना बनाई जा रही है।
फीस में हुए बदलाव
मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेने की तैयारी कर रहे हरियाणा के युवाओं के लिए इस बार हरियाणा सरकार ने प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में MBBS और BDS कोर्स की फीस को लेकर भी बड़ा बदलाव किया हैै। हरियाणा में बने कोई भी प्राइवेट मेडिकल कॉलेज या यूनिवर्सिटी फीस की दरों से ज्यादा फीस नहीं लेगा। इन सभी कोर्स के लिए अलग-अलग विश्वविद्यालयों में अलग-अलग फीस की दरें तय की गई हैं। आर्थिक रूप से कमज़ोर छात्रों की परेशानियों के देखते हुए सरकार ने ये फैसला लिया।
खोले जाएंगे नये होस्पिटल
अस्पतालों में चल रही डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए हरियाणा सरकार ने हर साल 3035 नए लोगों को एमबीबीएस डॉक्टर बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए 2025 तक हर जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जाएगी। साथ ही, छोटे शहरों और गांवों में नए अस्पताल, नर्सिंग होम या क्लीनिक स्थापित करने के लिए निजी संस्थाओं को तीन वर्ष की अवधि के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। साथ ही सहभागिता से मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल तैयार किए जाएंगे। हरियाणा में कुल मेडिकल कॉलेजों की संख्या 13 है। इनमें पांच सरकारी, एक अर्ध सरकारी और छह निजी कॉलेज हैं और एमबीबीएस की सीटें 1810 हैं। बजट में हरियाणा सरकार ने हर जिले में मेडिकल कॉलेज बनाने के साथ-साथ लोगों को बेहतर इलाज देने का अहम फैसला लिया है।
निष्कर्ष – हरियाणा शिक्षा
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