उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की स्थिति को आईटी उद्योग के लिए एक आकर्षक निवेश अनुकूल राज्य के रूप में मजबूत करने के उद्देश्य से व उद्योगों को विकसित करने के लिए व्यापार के अनुकूल वातावरण और सहायक नीतियां प्रस्तुत करते हुए 2012 में सूचना प्रौद्योगिकी नीति बनायी है।
उद्देश्य:
- आर्थिक बदलाव (Economic Transformation)– व्यापार, आईटी क्षेत्र में निवेश और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए, और ट्रांस क्षेत्र परिवर्तन के लिए एक आईटी इंजन का निर्माण
- लोगों की संलग्नता और सशक्तिकरण (People’s Engagement and Empowerment)– सस्ती और न्यायसंगत नयी आईटी तकनीक के माध्यम से जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए।
- नवीनता (Innovation)– एक रचनात्मक, नवीन और हरी आईटी सेक्टर का पोषण करने के लिए
मुख्य आकर्षण:
- सावधि ऋण और कार्यशील पूंजी ऋण के ब्याज पर अधिकतम 1 करोड़ रुपये की प्रतिपूर्ति के साथ वाणिज्यिक व्यापार के संचालन के प्रारंभ होने की तिथि से 5 वर्ष के लिए 5% पर सब्सिडी दी जानी है।
- आईटी/आईटीईएस इकाईयों को भूमि या ऑफिस स्पेस की क्रय/पट्टे पर स्टांप शुल्क से 100% छूट।
- रू. 5 करोड़ या उससे ऊपर के पूंजी निवेश की उद्योग इकाइयों को या तो भुगतान किये हुए वैट (वैल्यू एडेड टैक्स) और सीएसटी (केंद्रीय बिक्री कर) पर या आगामी 10 साल की अवधि के लिए वार्षिक बिक्री के 10% पर ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध होगा। वे 7 साल के भीतर राशि चुका सकते हैं।
- Tier-II और Tier-III शहरों में स्थापित सभी आईटी/आईटीईएस परियोजनाओं को 25% कम मूल्य पर भूमि।
- Tier-II और Tier-III शहरों में आईटी शहरों, प्रौद्योगिकी पार्क, सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क के रूप में स्थापित पंजीकृत आईटी इकाइयों को स्वीकार्य फ्लोर स्पेस इंडेक्स पर 100% अतिरिक्त फ्लोर स्पेस इंडेक्स मिलेगा।
- कम से कम 2 व अधिकतम 50 लोगों को रोजगार देने वाले आईटी/बीपीओ कंपनियों को मास्टर प्लान या भूमि के उपयोग के वर्गीकरण की परवाह किए बगैर राज्य में विशेष भूमि के उपयोग को छोड़कर कहीं भी अपने कार्यालयों की स्थापना कर सकते हैं।
- उद्यमियों और अन्य आईटी इकाइयों को सहायता और startups को सांविधिक मंजूरियों के लिए पॉलिसी का कार्यान्वयन उत्तर प्रदेश सरकार के आईटी विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में होगा।
- यह पॉलिसी आईटी और आईटीईएस कंपनियों को 24 × 7 आपरेशन चलाने व महिलाओं को सभी तीन पारियों (सुबह, दिन और रात) में रोजगार देने की अनुमति देती है।
- यह Tier-II/III शहर की कंपनियों को आवश्यक प्रशिक्षण व अन्य सहायताओं हेतु नैसकॉम आकलन तंत्र (NASSCOM assessment mechanism) के लिए नैसकॉम से टाई-अप के बारे में बात करती है।
- Startups को सहायतार्थ और बेहतर व्यवस्था के लिए एक एकल खिड़की मंजूरी प्रणाली का लागू करना।
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