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आचार संहिता: आचार संहिता लागू हुई, चुनाव आयोग पर पड़ेंगे ये असर, जानिए डिटेल-

हर चुनाव से पहले चुनाव आयोग संबंधित क्षेत्र में आचार संहिता लागू करता है।18वीं लोकसभा के गठन के लिए देश में जल्द ही आम चुनाव होने जा रहे हैं। इसके लिए एक बार फिर से देश में यह संहिता लागू होगी। देश में बिना किसी रुकावट के पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता के रूप में कुछ नियम और मानक तय किए हैं, जिनका सभी राजनीतिक पार्टियों और उम्‍मीदवारों को अनिवार्य तौर पर पालन करना होता है।18वीं लोकसभा के लिए निर्वाचन आयोग ने 16 मार्च 2024 को चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी है। इसके साथ ही देशभर में यह संहिता भी लागू हो जाएगी। संभावना है कि 543 सीटों के लिए सात या आठ चरणों में मतदान कराया जाएगा। आयोग कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की भी घोषणा कर सकता है। लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को एक निर्देश जारी कर आचार संहिता की याद दिलाई है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि नियमों का उल्लंघन करने वाले नेताओं पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

आचार संहिता

स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग ने कुछ नियम बनाए हैं, उसे ही आचार संहिता कहा जाता है। इसके लागू होते ही कई बदलाव हो जाते हैं। सरकार के कामकाज में कई अहम बदलाव हो जाते हैं। इस संहिता लगने के बाद नेताओं और सरकार में शामिल लोगों पर कई तरह के प्रतिबंध लग जाते हैं। आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर चुनाव आयोग 16 मार्च 2024 को तारीखों का ऐलान करेगा। इसके साथ ही पूरे देश में आचार संहिता भी लागू हो जाएगी और चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक बरकरार रहेगी।

कब शुरू हुई आचार संहिता?

आदर्श आचार संहिता की शुरुआत साल 1960 में केरल में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान हुई थी, जब प्रशासन ने राजनीतिक दलों के लिए एक आचार संहिता बनाने की कोशिश की थी। आदर्श आचार संहिता पहली बार भारत के चुनाव आयोग द्वारा न्यूनतम आचार संहिता के शीर्षक के तहत 26 सितंबर, 1968 को मध्यावधि चुनाव 1968-69 के दौरान जारी की गई थी। इस संहिता को 1979, 1982, 1991 2013 में संशोधित किया गया।

आचार संहिता का उल्लंघन

अगर कोई भी प्रत्याशी आचार संहिता का उल्लंघन करता है, तो उसके प्रचार करने पर रोक लगाई जा सकती है। उल्लंघन करने पर प्रत्याशी के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जा सकता है। इतना ही नहीं जेल जाने का प्रावधान भी है। लोकसभा चुनाव 2024 के मुद्दों में ECI ने राजनीतिक पार्टियों को सार्वजनिक प्रचार अभियान में शिष्टाचार बनाए रखने के लिए चेतावनी देते हुए प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से आचार संहिता के उल्लंघन के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की बात कही है।

आचार संहिता के प्रावधान 

इसके तहत चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और मतदाताओं के लिए सामान्य आचरण से लेकर सभा, जूलूस, मतदान, पोलिंग बूथ, ऑब्जर्वर और घोषणा पत्र को लेकर नियम कायदे तय किए हैं।

  • चुनाव पैनल के दिशानिर्देशों के अनुसार चुनाव का ऐलान होने के बाद मंत्रियों और अन्य अधिकारियों को किसी भी वित्तीय अनुदान की घोषणा करने या उसके वादे करने से रोक लग जाती है।
  • इस दौरान सड़कों के निर्माण, पेयजल सुविधाओं के प्रावधान आदि से संबंधित वादे भी नहीं किए जा सकते हैं।
  • आचार संहिता में सरकार किसी भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी का ट्रांसफर या पोस्टिंग नहीं कर सकती। अगर किसी अधिकारी ट्रांसफर या पोस्टिंग जरूरी भी हो तो आयोग की अनुमति लेनी होगी।
  • आचार संहिता के दौरान सरकारी पैसे का इस्तेमाल विज्ञापन या जन संपर्क के लिए नहीं किया जा सकता। अगर पहले से ही ऐसे विज्ञापन चल रहे हों तो उन्हें हटा लिया जाएगा।
  • मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा या किसी भी धार्मिक स्थल का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं हो सकता।
  • शांतिपूर्ण एवं व्यवस्थित मतदान सुनिश्चित करने और वोटर्स को बिना किसी परेशानी या बाधा के अपने मताधिकार का प्रयोग करने की पूरी आजादी सुनिश्चित करने के लिए चुनाव ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों के साथ सहयोग करें।

भाषणों में मर्यादा बनाए रखें 

पिछले चुनावों का हवाला देते हुए आयोग ने ऐसे कई उल्लंघनों का जिक्र किया है, जिनमें आचार संहिता की के नियमों का उल्लघंन किया गया है। हाल ही में हुए चुनावों में प्रचार अभियान में भाषणों, बयानों और बहस के स्तर में आई गिरावट का जिक्र किया। निर्वाचन आयोग ने सभी राजनीतिक पार्टियों को अपने भाषण में शिष्टाचार बनाए रखने के लिए और सार्वजनिक अभियान में चुनावी बहस के दौरान मर्यादा बनाए रखने के लिए विशेष अपील की है। आयोग ने कहा है कि राजनीतिक पार्टियां बिना ठोस और तार्किक आधार के झूठे वायदे कर वोटर्स को गुमराह न करें।

इन राज्यों की विधानसभा का कार्यकाल हो रहा खत्म

मौजूदा 17वीं लोकसभा का कार्यकाल 16 जून 2024 को खत्म हो रहा है। इससे पहले, नई लोकसभा का गठन करना अनिवार्य है। ओडिशा, सिक्किम, आंध्र प्रदेश व अरुणाचल प्रदेश की विधानसभाओं का कार्यकाल भी जून में खत्म हो रहा है। इन राज्यों में चुनाव तारीखों की भी घोषणा होगी। अधिकारियों के अनुसार, बोर्ड परीक्षा, त्योहार व सुरक्षाकर्मियों की उपलब्धता को देखते हुए तारीखें तय की जाएंगी।

निष्कर्ष – आदर्श आचार संहिता

हमने आपको देश में लागू होने वाली आदर्श आचार संहिता के बारे में संक्षिप्त जानकारी प्रदान की है। उम्मीद करते हैं, सभी जानकारी रोचक लगी होगी। कैसी लगी आपको हमारी आज की पोस्ट, आप हमें Comment box में बताना ना भूलें। यदि आपको हमारी पोस्ट पसंद आती है तो इस पोस्ट से मिलने वाली जानकारी अपने दोस्तों के साथ Facebook, Instagram, twitter, what’s app पर ज़रुर शेयर करें। ताकि उन्हें भी यह महत्वपूर्ण जानकारी मिल सके और वे भी इसका लाभ उठा सकें।

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